आहार, विचार और व्यवहार से पैदा हो सकते स्वस्थ व संस्कारी बच्चे
जच्चा बच्चा अस्पताल में गर्भ संस्कार पर आयोजित कार्यशाला में बोले विशेषज्ञ।
कानपुर, जागरण संवाददाता। वातावरण के प्रभाव से शिशु के जीन्स सक्रिय व निष्क्रिय होते हैं। इसे प्राचीन विज्ञान में ऋषि मुनि प्रमाणित कर चुके हैं। आहार, विचार, व्यवहार से स्वस्थ, सुशील और संस्कारी बच्चे पैदा हो सकते हैं। यह जानकारी डॉ. संगीता सारस्वत ने दी। वह मंगलवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज संबद्ध जच्चा बच्चा अस्पताल के सभागार में सुरक्षित मातृत्व और गर्भ संस्कार पर आयोजित कार्यशाला में जानकारी दे रहीं थी।
उन्होंने बताया कि इसे आज का विज्ञान अभिमन्यु इफेक्ट के नाम से मान रहा है। विदेशों में भी इसपर प्रयोग किया जा रहा है। स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. किरण पांडेय ने बताया कि कार्यशाला में महिलाओं को स्वयं स्वस्थ रहने के साथ ही बच्चों को भी निरोगी रहने की जानकारी दी जाएगी। यह प्रत्येक माह चलेगा। डॉ. सीमा द्विवेदी के मुताबिक अनियमित जीवन शैली, कुपोषण, खून की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। उससे मातृ मृत्युदर की आशंका बढ़ जाती है। डॉ. नीना गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में महिलाओं को आहार, सकारात्मक विचार और व्यायाम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कार्यशाला का उद्घाटन जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत की पत्नी हेमा पंत ने किया। उन्होंने नए तरह के प्रशिक्षण की प्रशंसा की। सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला ने बताया कि मातृ और शिशु मृत्युदर कम हुई है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इनरव्हील, पुनर्नव सहयोग फाउंडेशन, गायत्री परिवार, आरोग्य भारती ने सहयोग किया। प्रेरणा स्पेशल स्कूल की प्रिंसिपल शिखा अग्रवाल, अनुराधा वाष्र्णेय, डॉ. आरती समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहीं।