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कानपुर : छात्रा की मौत के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग, 41 मरीज अस्वस्थ मिले, आस-पास की कालोनियों के लोगों में दहशत

कानपुर के गुजैनी में डायरिया की से छात्रा की मौत हो गई थी। छात्रा की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग जागा। स्वास्थय विभाग ने अभियान चलाकर जांच करने पर 31 मरीज अस्वस्थ मिले है। छात्रा की मौत के बाद आसपास कालोनियों में रहने वाले लोगों में दहशत है।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Sun, 07 Aug 2022 10:04 PM (IST)Updated: Sun, 07 Aug 2022 10:04 PM (IST)
कानपुर : छात्रा की मौत के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग, 41 मरीज अस्वस्थ मिले, आस-पास की कालोनियों के लोगों में दहशत
कानपुर में छात्रा की मौत के बाद जागा नगर निगम।

कानपुर, जागरण संवाददाता। गुजैनी में डायरिया की दस्तक के बाद जहां एक छात्रा की मौत हो गई थी। वहीं घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग जागा और रविवार को इलाके में अभियान चलाकर जांचे की। जहां पर 41 मरीज अस्वस्थ मिले।

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गुजैनी जे ब्लाक में 11 वर्षीय छात्रा रिया की मौत के बाद जागे स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को इलाके में शिविर का आयोजन किया। इस दौरान 26 टीमों ने 1166 घरों में जाकर सर्वे किया। जिसमें 41 मरीज अस्वस्थ मिले।

जिसमें 15 दस्त के शिकार के साथ 23 बुखार से पीड़ित थे। जिन्हें घर जाकर ओआरएस सहित जरूरी दवाएं वितरित की गईं। टीम ने घर घर जाकर 221 लोगों को ओआरएस घोल दिया गया। गुजैनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा प्रभारी डा. मीनाक्षी सचान ने बताया कि घर घर जाकर लोगों का परीक्षण किया जा रहा है।

लक्षण हल्के मिलने पर दवाएं दी जा रही हैं। हालत गंभीर होने पर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को डायरिया के लक्षण एवं उसके उपचार के बारे में जागरूक भी किया गया है। साथ ही साफ पानी के टैंकर भी मंगवाये गये हैं। उन्होंने बताया कि विभाग लगातार कैंप लगाकर लोगों का परीक्षण करेंगा। साथ ही मरीजों का उपचार भी किया जाएगा।

नगर निगम की टीम ने की साफ सफाई

घटना के बाद नगर निगम की टीम रविवार को इलाके में पहुंची। टीम ने नालियां में भरी सिल्ट को बाहर निकाला। लेकिन सिल्ट को उठाने के बजाय नाली से बाहर छोड़कर चले गये। जिससे लोगों ने लगातार संक्रमण होने का खतरा सता रहा है।

इसके अलावा टीम ने फागिंग भी कराई। जहां पर जलभराव था, वहां पर दवा का छिड़काव भी किया। ताकि मच्छर नहीं पैदा हो सकें। लोगों ने बताया कि सफाई तो हुई लेकिन सिल्ट उठाकर ले जाने के बजाय उसे छोड़कर चले गये। जिससे लोगों में लगातार संक्रमण का खतरा बरकरार है।

इधर जलकल महाप्रबंधक नीरज गौड़ का कहना है कि 11 मकानों में पानी की जांच की गई तो पानी क्लोरीनयुक्त शुद्ध मिला। क्षेत्रीय लोगों की शिकायत पर तीन भवनों में सबमर्सिबल से मटमैला पानी आने की शिकायत मिली। वह दिक्कत बरसात की वजह से है।

आस-पास की कालोनियों के लोगों में दहशत

एक ओर बरसात होने के कारण लगातार वायरल फीवर चल रहा है। वहीं जलभराव के कारण अन्य संक्रमण रोग भी फैल रहे है। गुजैनी जे ब्लाक में डायरिया होने से मासूम की मौत के साथ कई लोगों के बीमार होने की सूचना से लोग परेशान है। जिसके कारण आई, एफ, जी आदि ब्लाक में भी जनता में दहशत का माहौल है।


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