आइआइटी की तर्ज पर जीएसवीएम में काउंसिलिंग सेल
जागरण संवाददाता कानपुर मेडिकल छात्र-छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने के लिए
जागरण संवाददाता, कानपुर :
मेडिकल छात्र-छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अब आइआइटी की तर्ज पर काउंसिलिंग सेल बनाया जाएगा। इसमें स्ट्रेस (तनाव) अथवा मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्या की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसका निराकरण किया जाएगा।
मेडिकल छात्र-छात्राएं करियर को लेकर तनाव में रहते हैं। एमबीबीएस में प्रवेश लेने के साथ स्नातकोत्तर (पीजी) की तैयारी में जुट जाते हैं, जिससे उनकी कक्षा में 75 फीसद उपस्थिति नहीं होती और न ही एमबीबीएस की तैयारी अच्छी हो पाती है। उपस्थिति कम होन पर टोके जाने पर परेशान हो जाते हैं। मेडिकल कॉलेज में हुई घटना से सच्चाई सामने आई है। अब कॉलेज प्रशासन इस समस्या के निराकरण के लिए काउंसिलिंग सेल बनाने जा रहा है।
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हर परीक्षा से पहले लेक्चर
मनारोग विभागाध्यक्ष डॉ. धनंजय चौधरी ने बताया कि हर परीक्षा से पहले लेक्चर होगा। उसके बाद उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। मानसिक मूल्यांकन के लिए मेंटल हेल्थ से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। वह परीक्षा पूरी तरह गोपनीय होगी। उसके आधार पर ही तनाव एवं मानसिक स्वास्थ्य की रेटिंग की जाएगी।
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मूल्यांकन के लिए टीम
मनोरोग फैकल्टी, तीन मनोवैज्ञानिक काउंसिल, समाजशास्त्री, एक नर्स, दो अटेंडेंट होंगे।
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गर्ल्स हॉस्टल में शुरुआत
गर्ल्स हॉस्टल में सोमवार शाम से ध्यान एवं योग कार्यक्रम शुरू कर दिया गया। इससे मानसिक तनाव को दूर किया जा रहा है। आर्ट ऑफ लिविंग से मदद ली गई है। साथ ही साइको थेरेपी भी शुरू है। इनसेट
एफजी करेंगे समस्या का निवारण
छात्र-छात्राएं अपने माता-पिता को छोड़कर आते हैं। उनकी कई व्यक्तिगत समस्याएं होती हैं। वह अपनी समस्याएं किसी से साझा नहीं करते और मन ही मन घुटते रहते हैं। कई बार गलत कदम उठा लेते हैं। उनकी समस्याएं सुनने और समझने के लिए प्राचार्य ने फैकल्टी गार्जियन (एफजी) बनाने का निर्णय लिया है। अब 15-20 छात्रों पर एक एफजी होंगे, जो उनकी हर समस्याएं सुनेंगे। सप्ताह में एक दिन सभी उनसे जाकर मिलेंगे। सभी छात्र-छात्राओं के मोबाइल नंबर एफजी और एफजी का नंबर विद्यार्थी अपने पास रखेंगे। आत्महत्या की वजह मानसिक रोग है। लंबे समय तक तनाव में रहने से ब्रेन में रसायनिक असंतुलन होने लगता है, जिससे धीरे-धीरे व्यक्ति एंजाइटी और डिप्रेशन चला जाता है। इससे बचाव के लिए सही ढंग से काउंसिलिंग जरूरी है।
- डॉ. धनंजय चौधरी, मनोरोग विभागाध्यक्ष, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।