सस्ता सैनिटाइजिंग सिस्टम देगा Coronavirus को शिकस्त, बिना छुए ही हाथ हो जाएंगे सैनिटाइज
एचबीटीयू में बाजार से आधी कीमत पर तैयार किया सेंसरयुक्त डिस्पेंसर और सैनिटाइजर विवि परिसर के भवनों में लगेगा।
कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। एक तरफ जहां सैनिटाइजिंग सिस्टम के लिए कई संस्थान हजारों रुपये खर्च कर रहे हैं, वहीं हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) ने कोरोना से दो-दो हाथ करने के लिए सस्ता सैनिटाइजिंग सिस्टम तैयार किया है। इसमें छात्रों द्वारा बनाया गया सैनिटाइजर और ऑटोमेटिक सैनिटाइजिंग डिस्पेंसिंग मशीन का प्रयोग किया गया है। इस सिस्टम में बिना स्पर्श किए हाथ सैनिटाइज किया जा सकता है। एचबीटीयू के कुलपति ने छात्रों के बनाए प्रोटोटाइप की सराहना की है।
केमिकल इंजीनियङ्क्षरग और ऑयल टेक्नोलॉजी के छात्रों ने बनाई
विवि के ऑयल एंड पेंट टेक्नालॉजी विभाग के तृतीय वर्षीय के छात्र आंजनेय बसेडिया ने लॉकडाउन के दौरान केमिकल इंजीनियङ्क्षरग के प्रो. एके राठौर के निर्देशन में अल्कोहल और हर्बल सैनिटाइजर बनाया था। विश्वविद्यालय में इसी का इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि इसे प्रयोग करने के लिए बोतल को छूना पड़ता था। ऐसे में केमिकल इंजीनियङ्क्षरग के प्रथम वर्ष के छात्र मयंक खन्ना ने ऑटोमेटिक सैनिटाइजर डिस्पेंसर बनाया। उसमें दोनों प्रकार के सैनिटाइजर डालकर सफल प्रयोग किया। यह प्रोटोटाइप महज सात सौ रुपये में बना। डिस्पेंसर के नीचे लाते ही हाथ पर निर्धारित मात्रा में अल्कोहल सैनिटाइजर का स्प्रे या हर्बल सैनिटाइजर की बूंदे गिर जाती हैं। कुलपति ने मॉडल को देखने के बाद फैकल्टी को तकनीकी अपग्रेडेशन कर अकादमिक भवन, लैब और छात्रावासों में लगाने और विवि के इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेल को इसे स्टार्टअप के रूप में आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
बाजार से बहुत सस्ता
प्रो. एके राठौर ने बताया कि यह मशीन घरेलू और व्यावसायिक, दोनों प्रयोग के लिए अपग्रेड की जा रही है। घरेलू मशीन एक लीटर क्षमता की होगी और मोबाइल के चार्जेबल बैटरी से चलेगी। इसकी कीमत बाजार में 1500 रुपये तक है, लेकिन एचबीटीयू की तकनीक से 400-500 रुपये में तैयार हो जाएगी। व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लिए आठ लीटर क्षमता की आरओ बॉडी मशीन बनाई गई है। यह बिजली से चलेगी। बाजार में यह आठ हजार रुपये में है लेकिन एचबीटीयू की तकनीक से कीमत चार हजार रुपये से भी कम होगी।
कैसे करेगा काम
-फोम, एल्कोहल और हर्बल, अलग-अलग सॉफ्टवेयर आधारित मशीन बनाई जा रही
- एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर स्प्रे की तरह काम करेगा
- हर्बल सैनिटाइजर की कितनी बूंद गिरेगी, इसे सेट किया जा सकेगा
इनका ये है कहना
विश्वविद्यालय अपनी तकनीक को कोरोना के खिलाफ सुरक्षा उपाय के तौर पर इस्तेमाल करेगा। छात्रों के बनाए मॉडल को अपग्रेड को विकसित किया जा रहा है। इसे स्टार्टअप में शामिल कर रहे हैं।
- प्रो. एनबी ङ्क्षसह, कुलपति एचबीटीयू