होजरी उद्योग पर भारी पड़ेगी करोड़ों की मार
सरकार ने दिए कुंभ के दौरान 24 दिन तक बंदी के आदेश, 20 हजार मजदूरों की रोजी-रोटी पर पड़ेगा असर
जागरण संवाददाता, कानपुर : गंगा तीरे बसे कानपुर के उद्योगों में कुंभ को लेकर बेचैनी बनी हुई है। सरकार कतई इस बात पर समझौता करने को तैयार नहीं है कि जरा भी प्रदूषित जल गंगा में जाए। लिहाजा, टेनरियों को लेकर चल रही कशमकश के बीच होजरी उद्योग बंदी के फेर में फंस गया है। तीन महीने में प्रस्तावित 24 दिन की बंदी इस उद्योग को 150 से 200 करोड़ रुपये की चपत लगाएगी।
सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं कि जल उत्प्रवाह करने वाली औद्योगिक इकाइया जनवरी, फरवरी और मार्च में निर्धारित तिथियों में बंद रहेंगी। कानपुर में जल उत्प्रवाह करने वाले उद्योग टेनरी के अलावा टेक्सटाइल और होजरी ही मुख्य हैं। टेनरियों को लेकर अभी शासन स्तर तक मंथन चल रहा है, लेकिन उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने टेक्सटाइल और होजरी इकाइयों को नोटिस थमा दिए हैं। प्रोविंशियल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज बंका ने बताया कि टेक्सटाइल और होजरी की शहर में करीब 80 इकाइयां हैं। 24 दिन इनकी बंदी से 150 से 200 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन है।
पूरे हैं इंतजाम, अचानक आए बंदी आदेश
पीआइए अध्यक्ष ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण के संबंध में जो भी मानक तय किए गए हैं, उन्हीं के अनुसार जल उत्प्रवाह हो रहा है। इससे पहले कभी कोई चेतावनी नहीं आई। इतने अधिक दिन बंदी कभी नहीं हुई। पहली बार ही 24 दिन के लिए बंदी के आदेश मिले हैं।
प्रभावित होगी पूरी उद्योग श्रृंखला
होजरी उद्यमी बलराम नरूला ने बताया कि टेक्सटाइल प्रोसेसिंग यूनिट बंद होने का व्यापक असर होजरी उद्योग पर पड़ेगा। प्रोसेसिंग यूनिट में 20 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं। इसके अलावा करीब 15000 कारीगर सिलाई आदि का काम करते हैं। कारखाना मालिकों को करोड़ों के उत्पादन के नुकसान के साथ ही इन सभी को एक माह के वेतन का नुकसान होगा।
बाजार में बिगड़ेगी स्थिति
कारोबारियों ने बताया कि अभी जो भी कपड़ा तैयार किया जाएगा, वह गर्मी के दिनों में बाजार में पहली खेप के रूप में होता। अब इकाइयों में काम प्रभावित रहेगा तो दूसरे राज्यों से उत्पाद बाजार में जगह पा लेंगे। हमें इसका आगे भी नुकसान झेलना पड़ेगा।
इन दिनों रहेगी बंदी
12 से 15 जनवरी
18 से 21 जनवरी
1 से 4 फरवरी
7 से 10 फरवरी
16 से 19 फरवरी
1 से 4 मार्च