फतेहपुर में मान मनौव्वल के बाद अंतत: दिवंगत शिक्षिका के चाचा ने चिता को दी मुखाग्नि
मलवां थानांतर्गत गांव में प्राइवेट टीचर को अगवा करके हत्या की घटना में पुलिस प्रथम दृष्टया दुष्कर्म नहीं मान रही है स्लाइड परीक्षण के लिए भेज दिए हैं। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि अस्तव्यस्त कपड़े और शव के हालात दुष्कर्म की गवाही दे रहे थे।
फतेहपुर, जेएनएन। मलवां थाने के गांव में शिक्षिका की हत्या और दुष्कर्म की आशंका के बाद गांव में तनावपूर्ण हालात बने हुए थे। पहले तो स्वजन ने सभी आरोपितों की गिरफ्तारी से पहले शव का अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया था, लेकिन प्रशासन द्वारा काफी देर तक समझाने के बाद स्वजन माने। इसी के साथ शाम चार बजे आदमपुर गंगा घाट में दिवंगत शिक्षिका के चाचा ने अश्रुपूरित नेत्रों से चिता में मुखाग्नि दी। बता दें कि पोस्टमार्टम के बाद सीधे अंतिम संस्कार के लिए शव भिजवाने के दबाव को लेकर भी स्वजनों और पुलिस के बीच बहस हुई थी। सुरक्षा की दृष्टि से अपर पुलिस अधीक्षक के साथ कई थानों का पुलिस फोर्स मौजूद रहा। हर कोई यही कहता रहा कि होनहार बिटिया के साथ बहुत गलत हुआ। आरोपित को फांसी से कम की सजा नहीं मिलनी चाहिए।
होनहार बेटी की शादी के सपने बिखरे, गूंजीं चीखें
आदमपुर घाट पर होनहार शिक्षिका बेटी का अंतिम संस्कार कर लौटे स्वजन बदहवास दिखे। घर पर चीखें गूंजती रहीं और चूल्हे नहीं जले। पड़ोसियों व रिश्तेदारों ने ढांढ़स बंधाया। वहीं, शादी के सपने भी बिखर गए।
गमजदा पिता ने रुंधे गले से बताया कि कानपुर में बेटी की शादी तय कर दी थी। छह दिसंबर को बरात आनी थी। सामान भी खरीदकर रख लिया था। अब वह सामान काटने को दौड़ रहा है। चार बेटियों में बड़ी बेटी सबसे दुलारी और होनहार थी। निजी स्कूल में बच्चों को पढ़ाकर अपना खर्च भी खुद उठाती थी। बदहवास मां, तीन बहनें व दो छोटे भाइयों को पड़ोसी ढांढस बंधाते रहे।
निश्शुल्क मुकदमा लड़कर दिलाएंगे न्याय
वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीश सिंह गांव पहुंच कर पीडि़त के स्वजनों को ढांढ़स बंधाया। यह भरोसा दिलाया कि पीडि़ता का मुकदमा निश्शुल्क लड़ेंगे। आरोपित को सजा दिलाने की पैरवी करेंगे। कहा कि पीडि़त परिवार बेहद गरीब है, जो मजदूरी कर पेट पालता है। न्याय दिलाने में गरीबी आड़े नहीं आएगी।
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पुलिस प्रथम दृष्टया मान रही हत्या
मलवां थाने के एक गांव में बुधवार की शाम शौच के लिए खेतों पर गई प्राइवेट टीचर को अगवा कर दुपट्टे से गला घोटकर हत्या कर दी गई थी। तलाश करते स्वजनों और ग्रामीणों ने शव की हालत और कपड़े अस्तव्यस्त देखकर दुष्कर्म के बाद हत्या की बात कही है। वहीं पुलिस ने प्रथम दृष्टया हत्या का मुकदमा दर्ज करके स्लाइड परीक्षण के बाद दुष्कर्म की पुष्टि होने की बात कही और शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया था।
पोस्टमार्टम के बाद हुई पुलिस से तीखी झड़प
शव का पोस्टमार्टम होने के बाद पुलिस और स्वजन के बीच अंतिम संस्कार को लेकर झड़प हुई। पुलिस शव को सीधे अंतिम संस्कार के लिए ले जाने और गांव नहीं ले जाने का दबाव बना रही थी। इस पर स्वजन शव गांव ले जाने के लिए अड़ गए तो पुलिस का बैकफुट में आना पड़ा। अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार व सीओ सिटी संजय कुमार सिंह तनाव को दृष्टिगत रखते हुए स्वजनों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने।
कांग्रेस और सपा नेताओं का लगा जमावड़ा
शव लेकर गांव पहुंचने के बाद स्वजनों ने अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। स्वजनों ने 25 लाख रुपये मुआवजा, परिवार को नौकरी व अन्य आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। इससे तनाव का माहौल व्याप्त हो गया और पीड़ित के घर पर विपक्षी दलों के नेताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सचान, सपा जिलाध्यक्ष विपिन यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष रामेश्वर दयाल दयालू भी मौजूद थे। वहीं एडीएम पप्पू गुप्ता, एसडीएम प्रमोद झा के अलावा सीओ सिटी, बिंदकी व जाफरगंज सहित भारी पुलिस बल पहुंच गया था।तनाव के मद्देनजर भारी पुलिस बल व पीएसी अब भी तैनात है।