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गीता में निहित विज्ञान को समझने के लिए विदेशी युवा जप रहे हरे कृष्ण

यूएस व ऑस्ट्रेलिया में महिलाएं साड़ी व पुरुष धोती कुर्ता पहन रहे हैं, वैज्ञानिक कारण तलाशने के लिए शास्त्र को जानना चाहते हैं युवा

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 01:46 AM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 01:46 AM (IST)
गीता में निहित विज्ञान को समझने के लिए विदेशी युवा जप रहे हरे कृष्ण
गीता में निहित विज्ञान को समझने के लिए विदेशी युवा जप रहे हरे कृष्ण

जागरण संवाददाता, कानपुर : अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया में कृष्ण भक्ति की गंगा बह रही है। वहां के युवा भी हरे कृष्ण महामंत्र का जाप कर रहे हैं। लेकिन उनके जाप करने का कारण भावनात्मक नहीं बल्कि वैज्ञानिक हैं। वह श्रीमद्भागवत गीता यथा रूप के अंदर निहित विज्ञान को समझना चाहते हैं। वह शास्त्रों के ज्ञान व विज्ञान को भी पढ़ने की ख्वाहिश रखते हैं। यह जानकारी इस्कॉन में चल रहे अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन में शिरकत करने यूएस से आए गुरु प्रसाद स्वामी ने देते हुए बताया कि वह स्वयं परमाणु भौतिकी के छात्र रहे चुके हैं।

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पर्ड्यू विश्वविद्यालय में जब वह परमाणु भौतिक पढ़ा करते थे तब उनकी उम्र 22 वर्ष थी। इस उम्र में आध्यात्मिक पुस्तकों को पढ़कर यह जाना कि मंत्रों में विज्ञान छिपा हुआ है। उन्हें जीवन के बारे में कई प्रश्नों के उत्तर श्रीमद्भागवत गीता यथा रूप में मिले। भगवत गीता यथा रूप व हरे कृष्ण दर्शनशास्त्र के वैज्ञानिक है।

फिर से विश्व गुरु बनेगा भारत :

गुरु प्रसाद स्वामी ने बताया कि भारत में ज्ञान, विज्ञान, संस्कृति व अध्यात्म का बेशुमार खजाना है। इसे भारत पूरी दुनिया में पेश कर सकता है। वर्षो पहले भारत पृथ्वी पर सबसे बड़ा देश था क्योंकि यहां के नागरिक भगवत गीता यथा रूप के विज्ञान का पालन कर रहे थे। फिर से विश्व गुरु बनने के लिए दोबारा निर्देशों का पालन करना होगा। 21 साल की उम्र में इस्कॉन में शामिल होने वाले ऑस्ट्रेलिया से आए नरसिम्हा कवच दास ने बताया कि उनके देश में साड़ी पहनने वाली महिलाएं व धोती कुर्ता पहनने वाले पुरुषों की संख्या हजारों में है। यह सभी कृष्ण भक्त हैं। वहां पर ध्यान, योग, कीर्तन व कृष्ण के प्रसाद को वितरित करके उनकी भक्ति का प्रचार किया जाता है। देश में हजारों युवा भी हरे रामा हरे कृष्ण महामंत्र को अपने जीवन से जोड़ चुके हैं।

इस्कॉन की चौथी वर्षगांठ दशहरे में

इस्कॉन मंदिर प्रशासन ने बताया कि मंदिर की चौथी वर्षगांठ 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस समारोह में भाग लेने के लिए इस्कॉन की ओर से शहरवासियों को आमंत्रित किया जा रहा है। इस अवसर पर विशाल अभिषेक समारोह व प्रसाद वितरण होगा। बुधवार को मंदिर में युवा भक्तों के लिए अध्यात्म ज्ञान सत्र हुआ। इसमें यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान व झारखंड के क्षेत्रीय प्रभारी देवकीनंदन दास ने उनका मार्गदर्शन किया। इसके अलावा लोहिया समूह के तत्वावधान में बिरैचामाऊ गांव में ग्रामीण विकास कार्यक्रम के तहत उसका अवलोकन किया गया।


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