गर्मी के तेवर से पहले ही हैंडपंपों ने दम तोड़ा
तेजी से गिरते भूजल स्तर के चलते गर्मी शुरू होते ही हैंडपंप सूखने लगे हैं। इसके चलते अभी से कई मोहल्लों में पेयजल संकट दिख रहा है।
जागरण संवाददाता, कानपुर: तेजी से गिरते भूजल स्तर के चलते गर्मी शुरू होते ही हैंडपंप सूखने लगे हैं। इसके चलते अभी से कई मोहल्लों में पेयजल संकट दिख रहा है। उधर खराब पड़े हैंडपंपों की ओर जिम्मेदार विभाग भी ध्यान नहीं दे रहा है। कई हैंडपंप तो सालों से खराब पड़े हैं, लेकिन इनके रिबोर कराने का प्रस्ताव फाइलों में कैद है। लोगों का कहना है कि जब मार्च में यह हाल है तो मई जून माह में क्या होगा, इसको लेकर चिंता सताने लगी है।
स्थान : 1
प्रेमनगर में मकान नंबर 88/107 और 88/118 के बाहर लगे हैंडपंप तीन साल से बंद पड़े हैं। मोहम्मद शरीफ ने बताया कि पानी के संकट के समय हैंडपंप से पानी मिल जाता था, लेकिन अब दिक्कत होती है। कई बार गंदे पानी की आपूर्ति होती है तो दूसरों के घरों से लोग पानी लेते हैं। हैंडपंप होने पर यह दिक्कत नहीं आती।
स्थान : 2
पुलिस चौकी विश्वबैंक के बाहर लगा हैंडपंप ढाई साल से खराब पड़ा है। क्षेत्र के आदित्य कुमार ने बताया कि कई बार शिकायतें की गईं लेकिन ठीक नहीं किया गया। यह हैंडपंप सौ से अधिक घरों का सहारा है।
स्थान: 3
राजापुरवा मलिन बस्ती के डॉ महेश प्रताप दोहरे का कहना है कि यहां के लोगों के लिए एक मात्र हैंडपंप दो साल से हैंडपंप बंद पड़ा है। सामुदायिक शौचालय में लगे सबमर्सिबल पंप से पीने का पानी लोग लेते है।
यहां भी पड़े ठप
गोविंद नगर, गांधीनगर, जवाहर पार्क, नवाबगंज, विष्णुपुरी, काकादेव, विजय नगर, शास्त्रीनगर समेत कई जगह हैंडपंप खराब पड़े हुए है।
440 हैंडपंप में अभी तक 358 लगे
जलकल विभाग ने अभी तक 110 वार्डो में 440 नए और रिबोर हैंडपंप में अभी तक 358 हैंडपंप ही लग पाए हैं। 88 हैंडपंप चुनाव आचार संहिता के बाद यानि जून माह में लगने शुरू होंगे जो जुलाई के अंत तक लग पाएंगे। तब तक बारिश शुरू हो जाएगी।
80 सेंटीमीटर तक गिरा जलस्तर
तेजी से हो रहे भूगर्भ जल दोहन के चलते भूजल स्तर गिरने लगा है। श्याम नगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा गिरा है। यहां एक साल में 80 सेंटीमीटर भूजल नीचे गया है।
यह भूजल स्तर
क्षेत्र जनवरी 2019 जनवरी 2018
कल्याणपुर 13.65 13.10
गुजैनी 15.70 15.10
श्यामनगर 26.70 25.90
सिविल लाइंस 24.65 24.08
(((नोट -मीटर में ))
सरकारी हैंडपंप लगे -11898
अब तक बंद हो चुके - 4500
सबमर्सिबल पंप लगे - ढाई लाख
एक सबमर्सिबल पंप रोज दोहन करता- दो हजार
रोज भूगर्भ जल दोहन - लगभग पचास करोड़ लीटर
पचास करोड़ का भेजा था प्रस्ताव
जलकल ने पिछले साल चार हजार हैंडपंपों को ठीक करने के लिए पचास करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन शासन में ठंडे बस्ते में ही प्रस्ताव पड़ा रहा।
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मामूली खराब हैंडपंप ठीक करने के लिए हर जोन में टीमें बनी हैं। चुनाव आचार संहिता के चलते नए या रिबोर हैंडपंप अब नहीं होंगे। फिर से रिबोर हैंडपंप के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
- संजय सिन्हा, महाप्रबंधक जलकल विभाग