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आज शाम साढ़े पांच बजते ही दो लाख घरों से सुनाई देगी 'नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमि...' की गूंज

कानपुर प्रांत के 21 सांगठनिक जिलों में लगेंगी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की कुटुंब शाखाएं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 18 Apr 2020 10:50 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2020 08:53 AM (IST)
आज शाम साढ़े पांच बजते ही दो लाख घरों से सुनाई देगी 'नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमि...' की गूंज
आज शाम साढ़े पांच बजते ही दो लाख घरों से सुनाई देगी 'नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमि...' की गूंज

कानपुर, जेएनएन। रविवार की शाम जैसे ही घड़ी साढ़े पांच बजाएगी, वैसे ही कानपुर प्रांत के दो लाख घरों से 'नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमि...' की गूंज सुनाई देने लगेगी। लॉकडाउन के इस दौर में स्वयंसेवकों को सक्रिय बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राष्ट्रीय स्तर पर यह योजना बनाई है।

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घरों में ही ध्वज लगाकर शाखा लगा रहे स्वयंसेवक

लॉकडाउन के चलते शाखाएं बंद चल रही हैं। संघ ने कुटुंब शाखाएं आरंभ कर दी हैं, जिसमें स्वयंसेवक अपने घरों पर ही ध्वज लगाकर स्वजनों के साथ शाखा लगा रहे हैं। यह योजना इसी कुटुंब शाखा का वृहद रूप है, लेकिन इसमें सारा फोकस संघ की प्रार्थना पर होगा। यह सायं शाखा होगी, जो प्रत्येक स्वयंसेवक के घर में शाम पांच बजे आरंभ होगी। ध्वज लगाकर ध्वज प्रणाम आदि करने के बाद ठीक साढ़े पांच बजे प्रार्थना होगी। संघ के कानपुर प्रांत प्रचार प्रमुख अनुपम ने बताया कि प्रार्थना का समय निर्धारित है। स्वयंसेवक अपने परिवार के साथ घर में ही छत या खुले स्थान पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए शाखा लगाएंगे। यह गतिविधि मनोबल बढ़ाने वाली होगी। अकेले कानपुर महानगर के चार जिलों में ही 50 हजार कुटुंब शाखाएं रविवार को लगेंगी।

संघ की दृष्टि से कानपुर प्रांत के 21 जिले

ललितपुर, झांसी महानगर, झांसी जिला, उरई, चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, फतेहपुर, खागा, घाटमपुर, कानपुर पूर्व, कानपुर पश्चिम, कानपुर उत्तर, कानपुर दक्षिण, इटावा, औरैया, पुखरायां, फर्रुखाबाद, कन्नौज और बिल्हौर।

1939 में हुई थी प्रार्थना की रचना

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयदशमी के दिन हुई थी। प्रार्थना की रचना नरहरि नारायण भिड़े ने की थी, जिसे पुणे में संघ शिक्षा वर्ग के दौरान फरवरी 1939 में सबसे पहले गाया गया था। 


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