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मस्जिद-ए-नबवी में 40 नमाज नहीं पढ़ पाएंगे हाजी, जानिए, क्या होती है अहमियत Kanpur News

दो दिन देरी से मक्का से मदीना पहुंचे 357 हाजी दो छोटे होटलों में ठहराए गए छह सितंबर को वापसी की फ्लाइट है।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 09:24 AM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 09:24 AM (IST)
मस्जिद-ए-नबवी में 40 नमाज नहीं पढ़ पाएंगे हाजी, जानिए, क्या होती है अहमियत Kanpur News
मस्जिद-ए-नबवी में 40 नमाज नहीं पढ़ पाएंगे हाजी, जानिए, क्या होती है अहमियत Kanpur News

कानपुर, [जमीर सिद्दीकी]। मक्का से मदीना पहुंचने में दो दिन की देरी होने से हाजी हजरात अब पैगंबर मोहम्मद साहब की मस्जिद-ए-नबवी में 40 नमाज नहीं पढ़ सकेंगे। 40 नमाज पढऩे के लिए आठ दिन का समय चाहिए, जबकि इसके पहले ही छह सितंबर को वापसी की फ्लाइट है। 357 हाजियों को मदीना में दो छोटे होटलों में ठहराया गया है। उनका सामान होटल के बाहर पड़ा है, इसपर हाजियों ने होटल के बाहर हंगामा भी किया।

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दरअसल, मक्का में हज की प्रक्रिया पूरी होने के बाद हाजी हजरात को 27 अगस्त को मदीना आना था, लेकिन हज कमेटी की लापरवाही के चलते उन्हें 29 अगस्त को मक्का से मदीना भेजा गया। ऐसे में हाजी आठ दिन रुक कर मस्जिद-ए-नबवी में 40 नमाज नहीं पढ़ पाएंगे। 6 सितंबर को वापसी की फ्लाइट होने के कारण उन्हें 5 सितंबर को ही मदीना एयरपोर्ट के लिए निकलना पड़ेगा। अगर 40 नमाज पढऩे के चक्कर में पड़ेंगे तो फ्लाइट मिस हो जाएगी। हज कमेटी ने होटलों के बाहर नोटिस लगा दी है कि भारत पहुंचने पर प्रत्येक हाजी को सात हजार रुपये उनके बैंक खाता में वापस कर दिए जाएंगे।

40 नमाज की अहमियत

हज प्रशिक्षक हाजी शारिक अलवी बताते हैं कि पैगंबर मोहम्मद साहब ने फरमाया है कि जो मस्जिद-ए-नबवी में 40 नमाज पढ़ेगा, एक वक्त की नमाज पर 50,000 नमाज का सवाब (पुण्य) मिलेगा।

मदीना से फोन पर बयां किया दर्द

-होटल से मस्जिद-ए-नबवी पहुंचने के लिए पुल पार कर आधा किमी. चलना पड़ता है। तमाम लोग ऐसे हैं जो व्हीलचेयर से चलने को मजबूर हैं। -हाजी दानिश, बिसातखाना, मेस्टन रोड

-जिन खुद्दाम (सेवादार) को हज कमेटी ने लगाया था, उनका कहीं पता नहीं है। कोई कुछ बताने वाला नहीं है कि कहां नमाज पढ़ें और कहां कैसे इबादत करना है। -हाजी मोहम्मद आसिम, चमनगंज

-शुक्रवार को रात भर सामान के इंतजार में हाजी जागते रहे। सामान का कुछ पता नहीं है। कपड़े खरीदकर पहनने को मजबूर हैं। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है। -हाजी रिजवान, बासमंडी

-विलंब से भेजने की बात गलत है। जानकारी मिली है कि मदीना में हाजियों को कुछ परेशानी हुई। जो होटल पहले बुक किए गए थे, उन्हें ऐन वक्त पर बदला नहीं जा सकता है। सरकार ने सात हजार रुपये प्रति हाजी वापस करने का फैसला लिया है। -जावेद खान, उप सचिव, राज्य हज कमेटी, लखनऊ


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