जीटी रोड चौड़ीकरण का प्रस्ताव फिर अटका, नहीं आया यूटिलिटी शिफ्टिंग का ब्यौरा
कानपुर में रामा देवी से गोल चौराहा तक जीटी रोड को सिक्सलेन करने के प्रस्ताव है। इससे शहर के अंदर जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए बीते दिनों अफसरों ने खासा तेजी भी दिखाई थी ।
कानपुर, जेएनएन। जीटी रोड को सिक्सलेन किया जाना है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी एनएच ने तीन विभागों को पत्र लिखकर यूटिलिटी शिफ्टिंग का ब्यौरा मांगा था। अभी तक किसी भी विभाग ने जवाव नहीं दिया है। इस वजह से प्रस्ताव भेजने में देरी होगी।
रामादेवी चौराहा से गोल चौराहा तक सिक्सलेन किया जाना है। मौजूदा समय में यह फोर लेन है, लेकिन कच्चे-पक्के अतिक्रमण की वजह से सड़क दो लेन की नजर आती है। जरीब चौकी, झकरकटी और अफीम कोठी समेत कई जगह जाम लगता है। लोगों को घंटों मशक्कत करनी पड़ती है। पीडब्ल्यूडी एनएच ने जाम से निजात दिलवाने के लिए भूतल परिवहन मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी थी। वहां से सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद अधिकारियों ने सड़क का सर्वे किया।
इसमें वन विभाग, जलनिगम और केस्को की लाइनों और ट्रांसफार्मर शिफ्ट करने के लिए पीडब्ल्यूडी एनएच की ओर से पत्र लिखकर पूछा था कि शिफ्टिंग में कितना खर्च आएगा। 10 जनवरी से पहले बताना था, लेकिन अभी तक किसी भी विभाग ने यूटिलिटी शिफ्टिंग का ब्यौरा नहीं दिया है। 10 जनवरी तक मंत्रालय को प्रस्ताव भेजना था। समय से यूटिलिटी शिफ्टिंग का ब्यौरा नहीं मिलने से प्रस्ताव भेजने में देरी होगी।
सलाहकार समिति तय करेगी बजट
प्रस्ताव मंजूर होने के बाद शासन स्तर से सलाहकार समिति को चुना जाएगा। पीडब्ल्यूडी एनएच द्वारा तैयार प्रस्ताव का निरीक्षण कर उसमें कितना खर्च आएगा। यह समिति तय करेगी। इसके बाद बजट मंत्रालय जाएगा।
इसलिए जरूरी है सलाहकार समिति
10 करोड़ के ऊपर प्रोजेक्ट में सलाहकार समिति का चुनना शासन स्तर से सालभर पहले तय हुआ था। समिति के माध्यम से ही निर्माण एजेंसी को भुगतना होगा। काम में पारदर्शिता लाने के लिए समिति का गठन किया जाता है।
- 10 जनवरी तक प्रस्ताव भेजा जाना है, अभी तक किसी भी विभाग ने यूटिलिटी शिफ्टिंग का ब्यौरा नहीं भेजा है। इस वजह से प्रस्ताव भेजने में देरी होगी। -साजिद उस्मानी, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी एनएच