यूटिलिटी शिफ्टिंग का ब्योरा ना आने से अटक गया जीटी रोड का प्रस्ताव
10 जनवरी तक भेजा जाना है जीटी रोड सिक्सलेन लेन का प्रस्ताव वन विभाग जलनिगम और केस्को की ओर से यूटिलिटी शिफ्टिंग का नहीं आया ब्योरा मौजूदा समय में यह फोर लेन है लेकिन कच्चे-पक्के अतिक्रमण की वजह से सड़क दो लेन की नजर आती है।
कानपुर, जेएनएन। जीटी रोड को सिक्सलेन किया जाना है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी एनएच ने तीन विभागों को पत्र लिखकर यूटिलिटी 10 जनवरी तक भेजा जाना है जीटी रोड सिक्सलेन लेन का प्रस्ताव, वन विभाग, जलनिगम और केस्को की ओर से यूटिलिटी शिफ्टिंग का नहीं आया ब्योरा का ब्यौरा मांगा था। अभी तक किसी भी विभाग ने जवाब नहीं दिया है। इस वजह से प्रस्ताव भेजने में देरी होगी। रामादेवी चौराहा से गोल चौराहा तक सिक्सलेन किया जाना है। मौजूदा समय में यह फोर लेन है, लेकिन कच्चे-पक्के अतिक्रमण की वजह से सड़क दो लेन की नजर आती है। जरीब चौकी, झकरकटी और अफीम कोठी समेत कई जगह जाम लगता है। लोगों को घंटों मशक्कत करनी पड़ती है।
पीडब्ल्यूडी एनएच ने जाम से निजात दिलवाने के लिए भूतल परिवहन मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी थी। वहां से सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद अधिकारियों ने सड़क का सर्वे किया। इसमें वन विभाग, जलनिगम और केस्को की लाइनों और ट्रांसफार्मर शिफ्ट करने के लिए पीडब्ल्यूडी एनएच की ओर से पत्र लिखकर पूछा था कि 10 जनवरी तक भेजा जाना है जीटी रोड सिक्सलेन लेन का प्रस्ताव, वन विभाग, जलनिगम और केस्को की ओर से यूटिलिटी शिफ्टिंग का नहीं आया ब्योरामें कितना खर्च आएगा। 10 जनवरी से पहले बताना था, लेकिन अभी तक किसी भी विभाग ने यूटिलिटी 10 जनवरी तक भेजा जाना है जीटी रोड सिक्सलेन लेन का प्रस्ताव, वन विभाग, जलनिगम और केस्को की ओर से यूटिलिटी शिफ्टिंग का नहीं आया ब्योरा का ब्यौरा नहीं दिया है। 10 जनवरी तक मंत्रालय को प्रस्ताव भेजना था। समय से यूटिलिटी 10 जनवरी तक भेजा जाना है जीटी रोड सिक्सलेन लेन का प्रस्ताव, वन विभाग, जलनिगम और केस्को की ओर से यूटिलिटी शिफ्टिंग का नहीं आया ब्योरा का ब्यौरा नहीं मिलने से प्रस्ताव भेजने में देरी होगी।
सलाहकार समिति तय करेगी बजट
प्रस्ताव मंजूर होने के बाद शासन स्तर से सलाहकार समिति को चुना जाएगा। पीडब्ल्यूडी एनएच द्वारा तैयार प्रस्ताव का निरीक्षण कर उसमें कितना खर्च आएगा। यह समिति तय करेगी। इसके बाद बजट मंत्रालय जाएगा।
इसलिए जरूरी है सलाहकार समिति
10 करोड़ के ऊपर प्रोजेक्ट में सलाहकार समिति का चुनना शासन स्तर से सालभर पहले तय हुआ था। समिति के माध्यम से ही निर्माण एजेंसी को भुगतना होगा। काम में पारदर्शिता लाने के लिए समिति का गठन किया जाता है।
इनका ये है कहना
10 जनवरी तक प्रस्ताव भेजा जाना है, अभी तक किसी भी विभाग ने यूटिलिटी शिफ्टिंग का ब्यौरा नहीं भेजा है। इस वजह से प्रस्ताव भेजने में देरी होगी।
साजिद उस्मानी, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी एनएच