Move to Jagran APP

जीएसवीएम मेडिकल कालेज शोध करके बताएगा हवा कितनी कर रही बीमार

एक साल तक चलेगा शोध, तैयार किया जाएगा दवाओं और मरीजों के लक्षणों का डाटा।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 02:47 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 05:00 PM (IST)
जीएसवीएम मेडिकल कालेज शोध करके बताएगा हवा कितनी कर रही बीमार
जीएसवीएम मेडिकल कालेज शोध करके बताएगा हवा कितनी कर रही बीमार
कानपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर, लखनऊ, वाराणसी ही नहीं देश के अन्य हिस्सों में भी वायु प्रदूषण आमजन के लिए खतरा बन गया है। श्वांस रोगी, सीओपीडी, दमा के मरीज ही नहीं सामान्य व्यक्ति भी इसके हानिकारक प्रभाव से बच नहीं पा रहे हैं। यह शरीर के लिए नुकसानदायक हैं लेकिन कितना? इसका अब तक सही आकलन नहीं हो सका है। डॉक्टर रोगियों के प्रारंभिक लक्षणों के मुताबिक इलाज करते हैं। अब हवा को दूषित कर रही गैसों के असर की भी पड़ताल की जाएगी।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल में प्रदूषण से होने वाले असर की जांच की होगी। चेस्ट रोग विशेषज्ञ सामान्य श्वांस की दिक्कत वाले सामान्य मरीजों पर शोध करेंगे। इसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) से मदद ली जाएगी। रिसर्च में दवाओं और मरीजों के लक्षणों का डाटा तैयार किया जाएगा, जिसमें मरीजों को कितने दिन में लाभ मिला। इसका जिक्र भी रहेगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण से होने वाले असर की पड़ताल की जाएगी। अस्पताल में हानिकारक गैसों के प्रभाव पर शोध किया जाएगा। यह एक साल तक चलेगा।
इस तरह किया जाएगा शोध
सर्दी, गर्मी, बारिश के मौसम में सांस की समस्या लेकर आए मरीजों के खून, बलगम, एक्स-रे की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह ऐसे रोगी रहेंगे, जिनके घर परिवार में कोई अस्थमा का मरीज नहीं होना चाहिए। उस हफ्ते का वायु गुणवत्ता सूचकांक भी लिया जाएगा। अगर मरीज किसी खास मोहल्ले का है या अत्याधिक धूल और धुएं में उसे रहना पड़ता है, तो उसके अलग आंकड़े तैयार किए जाएंगे।
बच्चों और बुजुर्गों पर असर
बच्चों और बुजुर्गों पर होने वाले हानिकारक गैसों के असर का अलग से शोध किया जाएगा। छोटे बच्चों के फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं, वहीं बुजुर्गों के फेफड़ों की क्षमता कमजोर हो जाती है।  

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.