GSVM कालेज की MBBS छात्रा का 24 घंटे में पूरा दिमाग क्षतिग्रस्त, एक्यूट नाइक्रोटाइजिंग इंसेफलाइटिस का शिकार
जीएसवीएम मेडिकल कालेज की एमबीबीएस की छात्रा की हालत नाजुक और उसे आइसीयू में भर्ती किया गया है। उसमें एक्यूट नाइक्रोटाइजिंग इंसेफलाइटिस संक्रमण की पुष्टि हुई है। छात्रावास में 75 और छात्र-छात्राएं वायरल बुखार से पीड़ित हैं जिसमें चार की हालत गंभीर है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा के दिमाग में गंभीर संक्रमण होने पर उसकी स्थिति नाजुक हो गई है। सीटी स्कैन जांच में गंभीर एक्यूट नाइक्रोटाइजिंग इंसेफलाइटिस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। वायरस ने महज 24 घंटे में उसके दिमाग को क्षतिग्रस्त कर दिया है। नाजुक स्थिति में एलएलआर अस्पताल (हैलट) के मेडिसिन आइसीयू में वेंटिलेटर पर भर्ती है। वहीं, मेडिकल कालेज के छात्रावास में 75 छात्र-छात्राएं वायरल बुखार से पीड़ित हैं। इनमें चार को भर्ती कराया गया है।
बाराबंकी निवासी आशीष श्रीवास्तव एवं मंजू श्रीवास्तव की 22 वर्षीय पुत्री पाखी जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एमबीबीएस एन-टू बैच के तृतीय वर्ष की छात्रा हैं। वह मेडिकल कालेज परिसर स्थित यूजी (अंडर ग्रेजुएट) गर्ल्स हास्टल में रह रही हैं। उनके बैच के सहयोगियों ने बताया कि चार दिन से उन्हें वायरल बुखार था।
अस्पताल से दवाएं लेकर आ रही थीं, सोमवार रात तबीयत ज्यादा खराब हो गई। उन्हें झटके आने लगे। रात 10:30 बजे सहेलियां उन्हें लेकर स्कूटी से एलएलआर इमरजेंसी पहुंचीं। गंभीर स्थिति को देखते हुए पाखी को मेडिसिन आइसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया है।
सीटी स्कैन जांच में मस्तिष्क (ब्रेन) पूरी तरह से क्षतिग्रस्त पाया गया है। मेडिकल कालेज की उप प्राचार्य एवं मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रिचा गिरि का कहना है कि छात्रा को गंभीर एक्यूट नाइक्रोटाइजिंग इंसेफलाइटिस का संक्रमण है। डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और टायफाइड की जांच निगेटिव आई है। ब्रेन काम नहीं कर रहा है, जिससे वह कोमा में हैं। उन्हें जीवन रक्षक उपकरणों पर रखा गया है।
सूचना पर आए माता-पिता
पाखी के पिता बाराबंकी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सतरिख में स्वास्थ्य पर्यवेक्षक हैं। वहीं, मां बाराबंकी के जैतपुर स्थित राजकीय बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्य हैं। दोनों हैलट अस्पताल पहुंच गए हैं। पाखी के साथी छात्र-छात्राएं पल-पल की स्थिति जानने के लिए मेडिसिन विभाग के आइसीयू पहुंच रहे हैं।
एसजीपीआइ शिफ्टिंग की तैयारी
उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि ने बताया कि पाखी के माता-पिता उसे लखनऊ के संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट लेकर जाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने शासन से भी संपर्क किया था। स्टेट सर्विलांस अधिकारी डा. शुभेंदु अग्रवाल का फोन आया था। उन्हें उसकी गंभीर स्थिति के बारे में बताया गया है। उसे एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का इंतजाम कर शिफ्ट कराने के लिए कहा है। उसकी तैयारी की जा रही है।