सूबे के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सबसे बड़ा है जीएसवीएम
एक बार फिर से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को चिकित्सा विश्वविद्यालय बनाने की कवायद शुरू हो गई है। उम्मीद ज्यादा इसलिए है क्योंकि इस बार पहल शासन की ओर से हुई है। मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य ने विस्तृत रिपोर्ट बनाकर भेज दी है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : एक बार फिर से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को चिकित्सा विश्वविद्यालय बनाने की कवायद शुरू हो गई है। उम्मीद ज्यादा इसलिए है क्योंकि इस बार पहल शासन की ओर से हुई है। मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य ने विस्तृत रिपोर्ट बनाकर भेज दी है।
सूबे के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक चिकित्सा विश्वविद्यालय) है। कॉलेज से जुड़े एलएलआर (हैलट) एवं संबद्ध अस्पतालों में 10-12 जिलों के गंभीर मरीज इलाज के लिए आते हैं। विश्वविद्यालय बनने से इसे खुद फैसले लेने का अधिकार मिल जाएगा। कुलपति एवं रजिस्ट्रार का प्रशासनिक नियंत्रण रहेगा। बजट का झंझट खत्म होने के साथ छोटे-मोटे कार्यो एवं प्रस्तावों के लिए शासन की ओर ताकना नहीं पड़ेगा। शोध कार्यो की राह खुलेगी जिसका फायदा छात्रों के साथ फैकल्टी को भी मिलेगा।
जरूरत के हिसाब से खुलेंगे विभाग
मेडिकल कॉलेज में कई विभाग नहीं हैं। विवि बनने पर जरूरत के हिसाब से इमरजेंसी मेडिसिन, नेफ्रोलॉजी (गुर्दा रोग), यूरोलॉजी (मूत्र रोग), इम्यूनोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी (बच्चों की सर्जरी) जैसे जरूरी विभाग खुल सकेंगे। अभी मरीजों को अभी लखनऊ एवं दिल्ली के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
स्थानांतरण के झंझट से मुक्ति
सरकारी हस्तक्षेप खत्म होने से चिकित्सा शिक्षकों को स्थानांतरण के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। यूजीसी से सीधे अनुदान मिलने लगेगा। शोध कार्य होने से शैक्षणिक एवं चिकित्सीय गुणवत्ता में सुधार होगा।
पांच अस्पताल व दो सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल
एलएलआर अस्पताल, अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा-बच्चा अस्पताल, बाल रोग चिकित्सालय, मुरारी लाल चेस्ट हास्पिटल एवं संक्रामक रोग अस्पताल। दो सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में हृदय रोग संस्थान एवं जेके कैंसर संस्थान।
एक नजर में जीएसवीएम
- वर्ष 1957 में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किया उद्घाटन
- 7 अगस्त 1944 में एलएलआर अस्पताल की स्थापना, जो पहले था मिलिट्री हास्पिटल
190 एमबीबीएस की सीटें
135 सीटें पीजी (एमडी/एमएस)
1619 बेड एलएलआर एवं संबद्ध अस्पतालों में हैं स्वीकृत
1155 बेड वर्तमान समय में हैं कार्यरत
10-12 जिलों के मरीज इलाज के लिए हैं आते चिकित्सा विश्वविद्यालय बनने के सभी मानक जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज पूरे कर रहा है। इसलिए शासन स्तर से विश्वविद्यालय बनाने की कवायद शुरू हुई है। इसका प्रस्ताव भेजा जा चुका है, जल्द ही इस पर निर्णय होने की उम्मीद है।
-डॉ. आरती दवे लालचंदानी, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।