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GST Refund: आम आदमी ले सकेंगे जीएसटी से रिफंड, बिना रजिस्ट्रेशन आवेदन करने पर भी मिलेगा लाभ, जानिए जरूरी बातें

रिफंड लेने के लिए जीएसटीएन पोर्टल पर रिफंड फार अनरजिस्टर्ड पर्सन पर आवेदन कर अस्थाई पंजीयन लेना होगा। यह पंजीयन पैन कार्ड से ही मिलेगा। साथ ही आधार उससे लिंक होना चाहिए। उसके बाद आरएफडी 01 में उसे रिफंड के लिए आवेदन करना होगा।

By rajeev saxenaEdited By: Shivam YadavPublished: Thu, 30 Mar 2023 06:08 PM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2023 06:08 PM (IST)
GST Refund: आम आदमी ले सकेंगे जीएसटी से रिफंड, बिना रजिस्ट्रेशन आवेदन करने पर भी मिलेगा लाभ, जानिए जरूरी बातें
आम आदमी भी ले सकेंगे जीएसटी से रिफंड

कानपुर, जागरण संवाददाता: जीएसटी में सामान्य तौर पर कारोबारी और उद्यमी ही अपने रिफंड लेते हैं लेकिन कोई भी व्यक्ति जिसका पंजीयन नहीं है वह भी अब रिफंड पा सकेगा। 28 मार्च को राज्य कर विभाग की आयुक्त मिनिस्ती एस ने कुछ उदाहरण के जरिए रास्ता बताते हुए निर्देश जारी किए हैं।

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पॉलिसी रद होने पर भी मिलेगा रिफंड

फ्लैट या कोई भूखंड खरीदने के समय बिल्डर को अग्रिम भुगतान किया गया हो और बाद में सौदा रद हो गया तो अग्रिम भुगतान के साथ जिस जीएसटी का भुगतान हुआ है, उसका रिफंड ग्राहक ले सकता है। इसी तरह लंबे समय की जीवन बीमा पॉलिसी भी अगर बीच में खत्म हो जाती हैं तो उस पर जितनी जीएसटी का भुगतान किया गया है, उसका भी रिफंड लिया जा सकता है। 

इस तरह से रिफंड लेने के लिए जीएसटीएन पोर्टल पर रिफंड फार अनरजिस्टर्ड पर्सन पर आवेदन कर अस्थाई पंजीयन लेना होगा। यह पंजीयन पैन कार्ड से ही मिलेगा। साथ ही आधार उससे लिंक होना चाहिए। उसके बाद आरएफडी 01 में उसे रिफंड के लिए आवेदन करना होगा। इसमें बिल्डर को जो भी भुगतान किए गए या जीवन बीमा पालिसी से जुड़े सभी कागजात अपलोड करने होंगे। साथ ही जिस बैंक खाते में रिफंड लेना चाहते हैं, उसकी डिटेल भी देनी होगी। 

1 हजार या उससे अधिक का ही रिफंड मिलेगा

इसमें यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि एक हजार रुपये या उससे अधिक का रिफंड ही वापस किया जाएगा। इससे कम का रिफंड नहीं होगा। इसके साथ ही अगर अलग-अलग बिल्डर के साथ सौदे रद हुए हैं तो उन सभी के लिए आरएफडी 01 पर अलग-अलग क्लेम करना होगा। एक आवेदन में ही सभी रिफंड नहीं लिए जा सकते।

इन्होंने कहा…

मर्चेन्ट्स चैम्बर ऑफ उत्तर प्रदेश की जीएसटी कमेटी के सलाहकार धर्मेद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बीमा पालिसी निरस्त हो गई है तो लोगों ने जो टैक्स दिया है, वह वापस मिलना चाहिए। ऐसा न होने से लोग परेशान थे। अब नई व्यवस्था में राहत मिलेगी। वैसे इसके लिए विभाग को वन विंडो सिस्टम शुरू कर देना चाहिए जहां कोई कर्मचारी उनके रिफंड को भरवा सके क्योंकि आम आदमी के पास कोई टैक्स सलाहकार नहीं होता। साथ ही उसके लिए यह आवेदन करना आसान नहीं होगा।


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