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जीएसटी पोर्टल में खराबी से 24 अगस्त तक बढ़ा 3बी रिटर्न का समय

20 अगस्त तक पोर्टल ठीक से काम नहीं कर रहा था, इसकी वजह से कारोबारियों को रिटर्न फाइल करने में मुश्किलें हो रही थीं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 06:07 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 06:07 PM (IST)
जीएसटी पोर्टल में खराबी से 24 अगस्त तक बढ़ा 3बी रिटर्न का समय
जीएसटी पोर्टल में खराबी से 24 अगस्त तक बढ़ा 3बी रिटर्न का समय

जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसटीएन पोर्टल में खराबी की वजह से अब 3बी रिटर्न को 24 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है। जुलाई माह का 3बी रिटर्न 20 अगस्त तक कारोबारियों को भरना था लेकिन उस समय कई दिन पोर्टल ठीक से काम नहीं कर रहा था, इसकी वजह से रिटर्न फाइल करने में मुश्किलें हो रही थीं। इसी वजह से टैक्स भी नहीं जमा हो पा रहा था। इस पर कारोबारियों ने 3बी की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी ताकि उन्हें लेट होने पर जुर्माना न देना पड़े। इस स्थिति को देखते हुए अब 3बी रिटर्न की तारीख 24 अगस्त कर दी गई है। कारोबारी 24 तारीख तक 3बी रिटर्न भर सकते हैं। - - - - - - - - - - - -

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तबादलों का लाभ फाइलों पर उठा रहे अधिकारी

कानपुर : वाणिज्य कर विभाग में तबादलों का लाभ तमाम विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने फाइलों में उठा लिया है। जो अधिकारी तबादला होकर जा चुके हैं, उनके मौखिक आदेश की बात कहकर फाइलों में टिप्पणी लिख कार्यवाही की गई है। इस तरह की टिप्पणी के साथ भारी संख्या में फाइलों के आगे बढ़ने की जानकारी पर वाणिज्य कर आयुक्त कामिनी चौहान रतन ने नाराजगी जताई है। उन्होंने साफ कहा है कि मौखिक या फोन पर मिले निर्देश की टिप्पणी लिख गलत तरीके से फाइल पास करना ठीक नहीं है। ऐसा करने वालों पर भविष्य में कार्रवाई की जाएगी।

वाणिज्य कर विभाग में इधर आयुक्त के सामने बहुत सी ऐसी फाइलें पहुंचीं जिसमें जो कार्यवाही की गई थी, उसकी टिप्पणी पर निचले स्तर के अफसर या कर्मचारी ने लिखा था कि अमुक अधिकारी के मौखिक आदेश पर यह कार्यवाही की गई है। इसे घोर आपत्तिजनक मानते हुए आयुक्त ने टिप्पणी लिखने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को आड़े हाथों लिया है। उनके अनुसार समय से रिपोर्ट लगाकर फाइल प्रस्तुत करना सभी की जिम्मेदारी है। विलंब होने पर अधिकारी निर्देश देते हैं तो उस पर टिप्पणी लिखना कि अमुक अधिकारी के कहने पर यह निर्देश लिखा यह आपत्तिजनक है। समय से फाइल प्रस्तुत की गई होती तो अधिकारी को कहना ही क्यों पड़ता। उन्होंने कहा है किसी अधिकारी के कहने पर फाइल तुरंत पेश कर उस पर लिखित आदेश ले लिया जाए। किसी अधिकारी के स्थानांतरण के बाद उसके नाम पर टिप्पणी लिखकर कार्यवाही करना उचित नहीं है। ऐसे लोगों के खिलाफ प्रतिकूल कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साफ किया कि किसी भी दशा में नियम विरुद्ध मौखिक आदेश का पालन न किया जाएगा।


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