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सीएसए के दीक्षा समारोह में बोलीं राज्यपाल, जीरो बजट खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करें छात्र

राज्यपाल ने बताया कि 10 दिन पूर्व प्रधानमंत्री ने भी शिखर सम्मेलन में जीरो बजट प्राकृतिक खेती के फायदे बताए थे। उन्होंने बताया कि इस खेती में लागत कम होती है। इससे आय बढ़ती है। राज्यपाल ने कहा कि किसान एक वैज्ञानिक की तरह हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Mon, 27 Dec 2021 09:35 PM (IST)Updated: Mon, 27 Dec 2021 09:35 PM (IST)
सीएसए के दीक्षा समारोह में बोलीं राज्यपाल, जीरो बजट खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करें छात्र
एचबीटीयू के दीक्षा समारोह में बोलतीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल।

कानपुर, जागरण संवाददाता। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सीएसए विवि के छात्र-छात्राओं से जीरो बजट प्राकृतिक खेती को बढ़ाने में सहयोग देने की अपील की। उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा से जुड़े छात्रों की जिम्मेदारी है कि वे नवीन तकनीक किसानों तक पहुंचाएं। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए जीरो बजट खेती के लिए प्रोत्साहित करें। छात्र अगर खुद किसान परिवार से हैं तो कम से कम एक एकड़ में प्राकृतिक खेती कराएं। 

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राज्यपाल ने बताया कि 10 दिन पूर्व प्रधानमंत्री ने भी शिखर सम्मेलन में जीरो बजट प्राकृतिक खेती के फायदे बताए थे। उन्होंने बताया कि इस खेती में लागत कम होती है। इससे आय बढ़ती है। राज्यपाल ने कहा कि किसान एक वैज्ञानिक की तरह हैं। वह अपने खेतों में नवीन प्रयोग करते हैं। कई तो उन्नत बीज पैदा कर रहे हैं। विद्यार्थियों को किसानों के पास जाकर उनसे सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सशक्त देश के लिए महिलाओं का सशक्त होना जरूरी है। सरकार ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए ही उनके 16 लाख खातों में धनराशि दी। उन्होंने स्कूली बच्चों को पोषणयुक्त आहार देने पर जोर दिया। 

फील्ड में जाकर परियोजनाओं की तकनीक सीखें : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विवि (एचबीटीयू) के दीक्षा समारोह में छात्र-छात्राओं से कहा कि वह फील्ड में जाकर सरकार की ओर से चलाई जा रही परियोजनाओं मेट्रो, राममंदिर निर्माण आदि में इस्तेमाल हो रही तकनीक को देखें। इससे अध्ययन में फायदा होगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी पढ़ाई पूरी करने के बाद जिस भी संस्था या संगठन से जुड़ें, सदैव उसकी प्रगति को अपनी प्रगति और नुकसान को अपना नुकसान मानें। उन्होंने शोधकार्य बढ़ाने की अपील की। विवि में वोकेशनल कोर्स शुरू करने, कौशल विकास, व्यक्तित्व विकास, गांवों में तकनीक के इस्तेमाल, नालेज सुपर पावर बनने, कार्बन उत्सर्जन कम करके ग्रीन हाइड्रोजन तकनीकी विकसित करने और भावी पीढ़ी को हरी-भरी धरती की सौगात देने का आह्वान किया। महाराष्ट्र के मयूर पाटिल नामक शख्स का भी जिक्र किया, जिन्होंने अपनी बाइक को मोडीफाइड करके कार्बन उत्सर्जन कम किया और माइलेज बढ़ाया। उन्होंने कहा कि छात्र कैंपस से बाहर निकलें और व्यावहारिक ज्ञान लें। प्रधानमंत्री के भारत को विश्व गुरु बनाने के सपने और मुख्यमंत्री के उत्तम प्रदेश बनाने के सपने को साकार करने में सहयोग करें।

सफलता की कहानी पुस्तक का  विमोचन: विवि ने प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों की सफलता की कहानी पुस्तक रूप में प्रकाशित कराई है। सोमवार को राज्यपाल ने इस पुस्तक के साथ ही डा. एसके विश्वास की पुस्तक आब्जेक्टिव्स मास्टर ब्लास्टर आफ प्लांट पैथोलाजी का भी विमोचन किया। संचालन डा. नौशाद खान व डा. श्वेता यादव ने किया। इस दौरान विधायक महेश त्रिवेदी, कुलसचिव डा. सर्वेंद्र कुमार मौजूद रहे। 

चाहिए चार रोटी व थोड़ी दाल, बाकी धन देश के विकास में लगाएं : राज्यपाल ने अपने संबोधन के दौरान इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पड़े छापे की कार्रवाई का इशारों में जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पेट भरने को चार रोटी, थोड़ी दाल, सब्जी, चावल चाहिए। फिर भी लोग धन इक_ा करने में जुटे हैं। लोगों को ऐसे काम करने चाहिए, जिससे देश का विकास हो और उनका नाम हो। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 50 हजार कालेज और 58 हजार राजस्व गांव हैं। अगर हर कालेज एक राजस्व ग्राम गोद ले तो गांवों की सूरत बदल सकती है। 


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