इस तरह सरकर बंदियों के 'अपनों' का रखेगी ख्याल, तैयार हो रहा खाका Kanpur News
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव ने कमेटी बनाई है माह भीतर मदद का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
कानपुर, जेएनएन। घर का मुखिया यदि किसी कारण से जेल चला जाता है तो पूरा परिवार बिखर जाता है। इसमें परिवार के सदस्यों की कोई गलती नहीं होती। ऐसे बंदियों के परिजनों की मदद के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने योजना तैयार की है। इसके तहत सरकार अब बंदियों के परिजनों का पूरा ख्याल रखेगी। अगर कोई परिजन मानसिक रूप से बीमार है तो उसका इलाज कराएगी और यदि बच्चे पढऩे नहीं जा रहे हैं तो स्कूल में दाखिला कराएगी। साथ ही अन्य योजनाओं और कौशल विकास से भी परिजनों को जोड़ा जाएगा।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बनाई कमेटी
बंदियों के परिजनों का ध्यान रखने के लिए एक माह पूर्व निर्देश जारी हुए थे, अब गाइड लाइन भी तैयार हो गई है। नालसा ने प्रारूप भी जारी कर दिया है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ज्ञानेंद्र सिंह ने निर्देशों के तहत छह सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी मदद मांगने वाले बंदियों के यहां जाकर सदस्यों का ब्योरा जुटाएगी। कमेटी में राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी, उरूसा हबीब, गोपाल गुप्ता, निधि बाजपेयी, विनय कुमार वर्मा व अनूप कुमार द्विवेदी हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ज्ञानेंद्र सिंह कहते हैं कि छह सदस्यीय कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी। जिसके बाद बंदियों के जरूरतमंद परिजनों की मदद का क्रम शुरू हो जाएगा।
बंदियों के परिजनों को यह मिलेगी सहायता
- बंदी की माता को विधवा पेंशन।
- माता अथवा पिता को वृद्धावस्था पेंशन।
- बच्चों के लिए स्कॉलरशिप।
- बालिग संतानों के लिए विवाह संबंधी योजनाओं का लाभ।
- स्वास्थ्य सुरक्षा।
- बैंक में खाता खुलवाना।
यह प्रमाण पत्र भी बनवाएंगे
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- बीपीएल कार्ड
- मतदाता पहचान पत्र
- पैन कार्ड
- जाति प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र
- दिव्यांग प्रमाण पत्र
यह मदद भी दी जाएगी
- परिवार के सदस्यों की काउंसिलिंग।
- नशामुक्ति में मदद ।
- मानसिक बीमार बंदी का इलाज अथवा अस्पताल में भर्ती कराना।
- सदस्यों को चिकित्सीय सुविधा।
- बच्चों का स्कूल में प्रवेश।
- बच्चों अथवा बड़ों को व्यावसायिक प्रशिक्षण।
- कौशल विकास योजना में पंजीकरण कराना।
- बच्चों को आइसीडीएस (इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट स्कीम) से जोडऩा।
- परिवार के वयस्क सदस्यों को रोजगार।
- कोई सदस्य कार्य कर रहा है तो उसे न्यूनतम आय व सामाजिक सुरक्षा दिलाना।
- जीवन और दुर्घटना बीमा।
- अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मुहैया कराना।
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