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Budget 2020 : कानपुर में वायु प्रदूषण मापने को नए मॉनीटरिंग स्टेशन और मेडिकल स्किल सेंटर का रास्ता साफ

केंद्र सरकार के बजट में हवा को शुद्ध रखने और डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ का हुनर निखारने की चाह दिखाई दी है।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 11:43 AM (IST)Updated: Sun, 02 Feb 2020 11:43 AM (IST)
Budget 2020 : कानपुर में वायु प्रदूषण मापने को नए मॉनीटरिंग स्टेशन और मेडिकल स्किल सेंटर का रास्ता साफ
Budget 2020 : कानपुर में वायु प्रदूषण मापने को नए मॉनीटरिंग स्टेशन और मेडिकल स्किल सेंटर का रास्ता साफ

कानपुर, जेएनएन। केंद्र सरकार ने बजट में शहर की हवा को शुद्ध रखने और डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ का हुनर निखारने के लिए करोड़ो रुपये मंजूर किए हैं। इसमें अब शहर में वायु प्रदूषण मापने के लिए मॉनीटङ्क्षरग स्टेशन की स्थापना समेत कई काम कराए जाएंगे। इसी के साथ जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में विश्वस्तरीय मेडिकल स्किल सेंटर का रास्ता भी साफ हो गया है।

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पांच नए मॉनीटरिंग स्टेशन को भेजा था प्रस्ताव

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) प्रदेश के अत्याधिक प्रदूषित 15 शहरों में अतिरिक्त स्टेशन स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। दो साल पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट में कानपुर को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया था। हालांकि उस रिपोर्ट पर आइआइटी के विशेषज्ञों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने सवाल उठाए थे। ऐसे में शहर की हवा की सटीक जानकारी के लिए क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पांच नए मॉनीटरिंग स्टेशनों का प्रस्ताव भेजा गया।

अलग-अलग क्षेत्रों में मॉनीटरिंग स्टेशन स्थापित किए जाने के बाद यह पता चल सकेगा कि कौन सा क्षेत्र सर्वाधिक प्रदूषित है। इस रिपोर्ट के आधार पर वहां प्रदूषण के खात्मे का उपाय खोजा जाएगा। बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एसबी फ्रैंकलिन के मुताबिक नए मॉनीटरिंग स्टेशनों से वायु प्रदूषण की और सटीक रिपोर्ट मिलेगी। किस क्षेत्र में कौन सी गैस और अतिसूक्ष्म कणों का घनत्व ज्यादा है, इसका पता चल सकेगा।

प्रदेश के अत्याधिक प्रदूषित शहर

कानपुर, आगरा, अलीगढ़, वाराणसी, गाजियाबाद, नोएडा, मुजफ्फर नगर आदि प्रदेश के अत्याधिक प्रदूषित शहर हैं। एनजीटी की ओर से यहां वायु गुणवत्ता सुधारने का आदेश जारी हुआ है। कानपुर में सीपीसीबी का केवल नेहरू नगर में मॉनीटरिंग स्टेशन है। यहां प्रत्येक घंटे हवा की स्थिति ज्ञात होती है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आठ स्थानों पर मैनुअल तरह से गुणवत्ता का आकलन कर रहा है।

विश्वस्तरीय मेडिकल स्किल सेंटर की राह आसान

आम बजट में डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ के लिए तीन हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इससे जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में विश्वस्तरीय मेडिकल स्किल सेंटर का रास्ता भी साफ हो गया है। मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य प्रो. आरती लालचंदानी ने बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) यहां विश्वस्तरीय मेडिकल स्किल सेंटर खोलने की तैयारी में है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसका प्रस्ताव मांगा गया था। यहां विदेश से डॉक्टरी की पढ़ाई करके आने वालों को क्लीनिकल ट्रेनिंग दी जाएगी।

नवंबर 2019 में कॉलेज आए एमसीआइ के सेक्रेटरी जनरल डॉ. आरके वत्स ने पहले ही इसके संकेत दिए थे। बजट में प्रावधान होने के बाद इसका रास्ता साफ हो गया है। यह मेडिकल कॉलेज के लिए बड़ी उपलब्धि है। प्रो. आरती के मुताबिक सेंटर में देशभर के डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को हुनरमंद बनाया जाएगा। इससे मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा और किसी प्रकार की चूक नहीं होगी। इसके लिए विशेष कोर्स तैयार किए जाएंगे।


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