सरकारी डाक्टरों और कर्मियों को बायोमेट्रिक हाजिरी के साथ वाट्सएप पर डालनी होगी सेल्फी, गांवों के अस्पतालों में निगरानी शुरू
सरकार की सख्ती के बाद शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों के डॉक्टरों की निगरानी बढ़ा दी गई है। डॉक्टरों और कर्मचारियों को बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने के साथ अपनी सेल्फी भी ग्रुप पर डालनी होगी तभी हाजिरी मान्य होगी।
कानपुर, जागरण संवाददाता। लोगों को गांव-घर के पास इलाज मुहैया कराने के लिए शहर से लेकर सुदूर क्षेत्रों में अस्पताल खोले गए हैं। जनता की अक्सर शिकायत रहती है कि डाक्टर अस्पताल आते ही नहीं हैं। आते हैं तो हाजिरी लगाकर चले जाते हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में डाक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस पर डाक्टरों की निगरानी बढ़ा दी गई है। कोरोना काल में बंद की गई बायोमेट्रिक हाजिरी फिर से शुरू करने का निर्देश जारी किया गया है। साथ ही अस्पताल पहुंचते ही डाक्टर को वाट्सएप पर रिपोर्ट करना होगा।
अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा. जीके मिश्रा ने बताया कि डाक्टरों की निगरानी के लिए हर जिले में अलग-अलग वाट्सएप ग्रुप बनाने का निर्देश शासन से मिला है। जिले में सीएमओ का एक ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें अपर निदेशक के साथ सभी एसीएमओ, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के डाक्टरों को शामिल किया जाएगा। वह अस्पताल पहुंचते ही अपनी सेल्फी लेकर डालेंगे। साथ ही वहां की जरूरतों, समस्याओं से भी अवगत कराएंगे।
इसी तरह जिले के प्रत्येक जिला स्तरीय अस्पतालों के अलग-अलग ग्रुप बनाए जाएंगे। उसमें निदेशक, प्रमुख अधीक्षक, सीएमएस, एमएस एवं सभी डाक्टरों को शामिल किया जाएगा। उस ग्रुप में अपर निदेशक व सीएमओ भी रहेंगे। कानपुर नगर में जिला स्तरीय चार अस्पताल हैं, जिससे यहां चार वाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। इसके अलावा कानपुर देहात, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद व कन्नौज में जिला स्तरीय दो-दो अस्पताल हैं, इसलिए वहां दो-दो वाट्सएप ग्रुप बनाए जाएंगे।