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जिसको भेजा था जेल, पुलिस ने उसी से कराया सम्मान

जेएनएन कानपुर जन्मदिन पार्टी में पकड़े गए हिस्ट्रीशीटर को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाने वाले से सम्म्मान करा दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Aug 2021 01:57 AM (IST)Updated: Wed, 18 Aug 2021 01:57 AM (IST)
जिसको भेजा था जेल, पुलिस ने उसी से कराया सम्मान
जिसको भेजा था जेल, पुलिस ने उसी से कराया सम्मान

जेएनएन, कानपुर : जन्मदिन पार्टी में पकड़े गए हिस्ट्रीशीटर को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाने वाले पूर्व भाजपा नेता नारायण सिंह भदौरिया एक बार फिर पुलिस के लिए किरकिरी का सबब बन गया। नारायण को कुछ दिनों पहले ही पुलिस ने जेल भेजा था तो मंगलवार को वह थाने में आयोजित कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों को माला पहनाते और प्रशंसा चिह्न देते नजर आया तो विवाद खड़ा हो गया। वीडियो वायरल होते ही पुलिस को सफाई देनी पड़ी। हालांकि दैनिक जागरण इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता।

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जूही पुलिस ने पिछले दिनों चोरी के चार दर्जन वाहनों को बरामद करते हुए वाहन चोरों का एक गिरोह पकड़ा था। कानपुर दक्षिण उद्योग व्यापार मंडल व किदवई नगर व्यापार मंडल ने इसे लेकर जूही थाने में पुलिस कर्मियों का सम्मान कार्यक्रम रखा था। डीसीपी दक्षिण रवीना त्यागी और एसीपी आलोक सिंह को सम्मानित किया जाना था। सम्मान समारोह में भाजपा से निष्कासित नारायण भदौरिया का न केवल सम्मान हुआ, बल्कि उनका एसीपी आलोक सिंह को माला पहनाते, स्मृति चिह्न देते फोटो और वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। यही नहीं एक और फोटो वायरल हुई, जिसमें हत्या के मामले में सजायाफ्ता मोनू पांडेय भी पुलिस कर्मियों को सम्मानित करते नजर आ रहा है। अपराधियों द्वारा पुलिस का सम्मान समारोह कुछ ही देर में इंटरनेट मीडिया में चर्चा का विषय बन गया। ऐसे में डीसीपी रवीना त्यागी को सफाई देनी पड़ी। उन्होंने बताया कि जैसे ही नारायण सिंह भदौरिया की मौजूदगी की जानकारी हुई, उसे थाने से बाहर कर दिया गया। आयोजकों से इस संबंध में आपत्ति जाहिर की गई है। लोन का झांसा देकर व्यापारी संग 42 हजार की धोखाधड़ी, कानपुर : सरकारी नौकरी और लोन का झांसा देकर शातिर ने नयागंज के व्यापारी संग 42 हजार की ठगी कर ली। पीड़ित ने गोविद नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

नयागंज न्यू दालमंडी निवासी अभिषेक गुप्ता ने बताया कि लाकडाउन में दुकान बंद हो गई थी। इस बीच उनका परिचय समीर खान से हुआ। उसने बताया था कि गोविद नगर के विक्रम सिंह के रिश्तेदार एक पार्टी में बड़े नेता हैं और सरकारी नौकरी लगवा देंगे। पांच लाख रुपये में केडीए में संविदा पर नौकरी लगवाने की बात कही। असमर्थता जताई तो एमएसएमई के तहत पांच लाख का लोन कराने के नाम पर समीर ने दो बार में 42 हजार रुपये ले लिए। न तो लोन हुआ और न नौकरी लगी। इस पर उन्होंने आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। वहीं अभिषेक ने एक और मुकदमा चकेरी पटेल नगर संजय चौधरी पर कंपनी में निवेश का झांसा देकर 1.4 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए दर्ज कराया है। दूसरे मामले में गोविद नगर निवासी 80 वर्षीय वृद्धा कुसुम गौर ने बताया कि बीत वर्ष उनके पति व चार बेटों की आकस्मिक मौत हो गई थी। इसके बाद वह बहू सुंदरी और दो पौत्री गोल्डी, नेहा के साथ रहती हैं। आय का साधन न होने पर छह दुकानें किराये पर उठाई थीं। आरोप है कि किरायेदार सुनील कुशवाहा ने भाई शैलेंद्र के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज के सहारे उनके मकान और दुकानों पर कब्जा कर लिया। कमरे में रखा सामान भी चोरी कर लिया। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर गोविद नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। तीसरी घटना में दिल्ली दिलशान गार्डन निवासी गरिमा अग्रवाल ने बताया कि वह एक फर्म में काम करती हैं। 2014-15 में उनकी मुलाकात गोविद नगर के राजेंद्र और रोहित अग्रवाल संग हुई थी। दोनों ने व्यापार के लिए पांच लाख रुपये उधार लिए थे। छह साल बाद रुपये मांगे तो अभद्रता की। सात जुलाई को गोविद नगर पुलिस से शिकायत की थी। एसीपी से शिकायत के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की है। हत्या के मामले में जेल से गवाही देने पहुंचा सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर, कानपुर देहात : अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र में वर्ष 2013 हत्या के मामले की विवेचना तत्कालीन थानाध्यक्ष दिनेश त्रिपाठी ने की थी। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित सुधाकर राय की कोर्ट में चल रही है। न्यायालय में प्रस्तुत न होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो पा रही थी, जिससे मंगलवार को सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी को कानपुर नगर की जेल से पुलिस अभिरक्षा में न्यायालय में पेश किया गया जहां उसने अपनी गवाही दी।

अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र में वर्ष 2018 में बाइक लूट के बाद युवक की हत्या कर दी गई थी। मामले की विवेचना तत्कालीन अकबरपुर थाना प्रभारी दिनेश त्रिपाठी ने की थी, जिसकी सुनवाई विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित कोर्ट में चल रही है। वर्ष 2018 से सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर साक्ष्य के लिए न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हो रहे थे, जिससे मामले की सुनवाई लंबित थी। इसको लेकर शासकीय अधिवक्ता की ओर से इंस्पेक्टर को तलब करने को प्रार्थना पत्र दिया गया था। मंगलवार को पुलिस अभिरक्षा में सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया और उनके साक्ष्य संकलित किए गए। सहायक शासकीय अधिवक्ता आशीष तिवारी ने बताया कि सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी को पुलिस अभिरक्षा में न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।

दुष्कर्म मामले में कानपुर नगर की जेल में बंद है रिटायर्ड इंस्पेक्टर : चकेरी क्षेत्र स्थित मकान में किराएदार की बेटी से दुष्कर्म मामले में दिनेश त्रिपाठी जेल में बंद है। इसके अलावा और भी कई आरोप उसके ऊपर लगे हैं। मंगलवार को लोगों ने उसे न्यायालय परिसर में हथकड़ी में देखा तो चर्चा करते रहे कि जो कभी अपराधियों को हथकड़ी में लाता था, आज वह खुद इस हाल में पहुंच गया है।


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