Indian Railway News: इटावा में फिर डिरेल होने से बची भरथना-साम्हो के बीच दो हिस्सों में बटी मालगाड़ी
रेलवे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर में टूंडला और कानपुर के बीच ट्रैक पर मालगाड़ियों का संचालन शुरू है लेकिन आए दिन हादसों की वजह से समस्या बनी हुई है। इससे पहले भी मालगाड़ी डिरेल होने से ट्रैक उखड़ चुका है।
इटावा, जेएनएन। रेलवे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर में टूंडला और कानपुर के बीच ट्रैक पर मालगाड़ियों के संचालन पर ग्रहण जैसा लग गया है, बीते दिनों डिरेल होने से ट्रैक उखड़ गया था तो रविवार को भरथना-साम्हो के बीच मालगाड़ी दो हिस्सों में बंट गई। हालांकि लोको पायलट और गार्ड की सूझबूझ से मालगाड़ी डिरेल होने से बच गई और बड़ा हादसा टल गया। बाद में मालगाड़ी के वैगन आपस में जोड़कर रवाना किया गया। इसके चलते करीब 30 मिनट तक डाउन ट्रैक बाधित रहा।
रविवार की दोपहर भरथना-साम्हो रेलवे स्टेशन के मध्य गेट संख्या 19 के ग्राम पाली के पास डीएफसी लाइन पर पुल के पास मालगाड़ी टूंडला से चलकर कानपुर जा रही थी। जैसे ही मालागड़ी यहां पहुंची तो वैगन संख्या 30090298315 की कपलिंग खुल गई और मालगाड़ी दो हिस्सों में बंट गई। पिछला हिस्सा वहीं रुक गया, जबकि इंजन के साथ मालगाड़ी करीब 700 मीटर आगे जाकर रुक गई। मालगाड़ी के अचानक रुकते ही गार्ड ने हादसे की सूचना लोको पायलट को दी। लोको पायलट ने धीरे-धीरे मालगाड़ी को वापस पीछे की ओर लाया। इस दौरान करीब 30 मिनट की मशक्कत के बाद दो हिस्सों में बटी मालगाड़ी के वैगन को जोड़कर कानपुर के लिए रवाना की।
अभी सुरक्षित नहीं है डीएफसी लाइन
डीएफसी रेलवे लाइन को इसलिए बनाया गया था कि यहां पर मालगाड़ी का संचालन अलग से हो और उनका आवागमन सुरक्षित होता रहे और निर्धारित समय पर वह अपने स्थानों पर पहुंच सकें। लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश के चलते रेलवे ट्रैक के आसपास के हिस्सों में मिट्टी खिसकी है जिसके कारण डीएफसी लाइन की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। कुछ दिन पहले बलरई के समीप मालगाड़ी पलट गई थी और बड़ा हादसा हो गया था। रविवार को भरथना-साम्हो के बीच मालगाड़ी दो हिस्सों में बंट गई।