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पति-पत्नी के चक्कर में फंस गए गोंडा के एडीएम वित्त व डीआइजी

नगर की पारिवारिक न्यायालय ने एडीएम समेत निबंधन विभाग के एआइजी, डीआइजी व सब रजिस्ट्रार को जारी किया अवमानना नोटिस।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 12:24 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 10:44 AM (IST)
पति-पत्नी के चक्कर में फंस गए गोंडा के एडीएम वित्त व डीआइजी
पति-पत्नी के चक्कर में फंस गए गोंडा के एडीएम वित्त व डीआइजी
कानपुर, जेएनएन। पत्नी पत्नी और वो के किस्से आपने खूब सुने होंगे लेकिन यह पहला ऐसा मामला है जिसमें पति-पत्नी के चक्कर में गोंडा के एडीएम वित्त समेत रजिस्ट्री विभाग के डीआइजी, एआइजी और सब रजिस्ट्रार कर्नेलगंज को न्यायालय के आदेश की अवमानना मामले में पारिवारिक न्यायाधीश ने नोटिस जारी कर दी है। उन्हें जवाब देने के लिए दो मार्च तक का समय दिया गया है। मामला गोंडा के कर्नेलगंज स्थित रजिस्ट्री विभाग से जुड़ा है। पति इस विभाग में क्लर्क हैं।
यह है विवाद
जूही लाल कालोनी निवासी नीतू की शादी 21 मई 1998 को गोंडा के रानीपुरवा गांव निवासी विश्वनाथ प्रताप से हुई थी। नीतू का आरोप है कि दहेज में 50 हजार रुपये की मांग के चलते पति और सास परेशान करती हैं। सितंबर 2002 में पति उसे जबरन मायके छोड़ गए। 50 हजार रुपये मिलने पर ही साथ रखने की धमकी दी थी।
इस तरह शुरू हुआ मुकदमा
मायके में रह रही नीतू ने पति से स्वयं और दो बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगा जिसकी याचिका न्यायालय में दाखिल की। तत्कालीन अपर प्रमुख न्यायाधीश अशोक कुमार पाठक ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 5 नवबर 2009 को अपना निर्णय दिया। बतौर आदेश 19 सितंबर 2003 से आदेश होने की तिथि तक विश्वनाथ अपनी पत्नी नीतू को 1500 रुपये और दोनों बच्चों को एक-एक हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता देगा। आदेश होने की तिथि से अग्रिम आदेशों तक वह नीतू को 2500 रुपये और बच्चों अन्नू व तानिया को 1500-1500 रुपये प्रतिमाह देगा।
इसलिए हुई कार्रवाई
पत्नी व बच्चों को गुजारा भत्ता न मिलने पर कोर्ट ने 31 अगस्त 2010 को गोंडा के एडीएम वित्त एवं राजस्व को पत्र भेजकर निर्देश दिए कि विश्वनाथ को पत्नी व बच्चों के लिए 2,91,250 रुपये गुजारा भत्ता देना है। न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि जब तक उपरोक्त धनराशि की कटौती न हो जाए तब तक संपूर्ण वेतन कुर्क कर लें। कर्मचारी को तब तक कोई वेतन न दें। इस संबंध में न्यायालय ने सब रजिस्ट्रार कर्नेलगंज को भी पत्र भेजकर निर्देश दिए।
आठ वर्ष बाद अवमानना में कार्रवाई
वरिष्ठ अधिवक्ता शिवेंद्र पांडेय बताते हैं कि पारिवारिक न्यायालय से हुए आदेश के खिलाफ विश्वनाथ हाईकोर्ट भी गया लेकिन तीन-तीन याचिकाओं के बाद भी उसे राहत नहीं मिली। उच्च न्यायालय ने किश्तों में धनराशि जमा करने की राहत विश्वनाथ को जरूर दे दी लेकिन इसका भी पालन उसने नहीं किया। इसके बाद नीतू ने पति के साथ एडीएम वित्त एवं राजस्व, सहायक महानिरीक्षक निबंधन, उप महानिरीक्षक निबंधन और सब रजिस्ट्रार करनैलगंज गोंडा के खिलाफ प्रमुख पारिवारिक न्यायालय में 7 जनवरी को अवमानना वाद दाखिल किया। अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय ने सभी को अवमानना नोटिस जारी कर दी है।

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