मालखाने में रहेगा सोना, छोड़े गए चारों एजेंट
आयकर विभाग के पत्र के बाद डबल लाक में रखा गया-सेंट्रल स्टेशन पर पकड़ा गया था साढ़े तीन किलो सोना।
जागरण संवाददाता, कानपुर : सेंट्रल स्टेशन पर पकड़ा गया साढ़े तीन किलोग्राम सोना फिलहाल जीआरपी के मालखाने में रहेगा। पकड़े गए कोरियर कंपनी के चारों एजेंटों को पूछताछ के बाद आयकर विभाग के अधिकारियों ने छोड़ दिया। जीआरपी के मुताबिक आयकर के निर्देश पर ही सोना रिलीज अथवा जमा कराया जाएगा।
दिल्ली की साई एयर पार्सल सर्विस के चार एजेंटों को 3.150 किग्रा सोने के साथ जीआरपी ने पकड़ा था। इनके पास से 50 कैरेट के हीरे भी बरामद हुए थे। एजेंट ब्रह्मापुत्र एक्सप्रेस से सोना लेकर सेंट्रल स्टेशन पहुंचे थे। सोने की डिलीवरी कानपुर के साथ ही पटना, बनारस और लखनऊ में भी देनी थी। जीआरपी ने आयकर और जीएसटी विभाग को सूचना दी थी। जीआरपी इंस्पेक्टर महेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक जीएसटी अधिकारी सोने पर कर का आकलन कर लौट गए जबकि आयकर विभाग ने पकड़े गए युवकों से पूछताछ की। युवकों ने खुद को कोरियर कंपनी का एजेंट बताया। सोना किसका है, इसकी जानकारी नहीं दे सके। पूछताछ के बाद आयकर ने कोरियर कंपनी को नोटिस जारी कर तलब किया है जबकि युवकों के नाम-पते लेने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। आयकर के पत्र के बाद सोना मालखाने में डबल लाकर में सुरक्षित रखा गया है। यदि सोने का कोई दावेदार आता है तो वह कोर्ट अथवा आयकर विभाग में दस्तावेजों के साथ दावेदारी करेगा।
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ई-इनवाइस के जरिए तलब किए विक्रेता और खरीदार
सेंट्रल स्टेशन पर पकड़े गए सोने और हीरे के मामले में आयकर अधिकारियों को कुछ ई-इनवाइस मिली हैं। ई-इनवाइस के जरिए खरीदार और विक्रेता को भी तलब किया गया है। उधर, कोरियर कंपनी को नोटिस जारी कर उसके प्रतिनिधि को बुलाया गया है।
वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों ने जांच में पाया था कि कुछ जेवरों की ई-इनवाइस जारी है। कुछ जेवरों के लिए कच्चे पर्चे बने हुए हैं। यही स्थिति आयकर ने भी जांच में देखी। आयकर विभाग ने ई-इनवाइस के आधार पर विक्रेताओं और जिनके पास माल जाना था, उन्हें भी बुलाया है। अधिकारी जानना चाहते हैं कि जिन जेवरों के कच्चे पर्चे जारी किए गए हैं, क्या वे उनके हैं।