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Gold Jewelry पर आज से हालमार्क अनिवार्य, जानिए- सराफा कारोबारियों को क्या मिली सहूलियतें

कुंदन व पोल्की की ज्वेलरी और ज्वेलरी वाली घडिय़ों को हालमार्क के दायरे से बाहर रखा गया है। हालांकि 20 और 24 कैरेट के जेवर इसके दायरे में होंगे। 256 जिलों में हालमार्क व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू किया गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 08:54 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 08:54 AM (IST)
Gold Jewelry पर आज से हालमार्क अनिवार्य, जानिए- सराफा कारोबारियों को क्या मिली सहूलियतें
सराफा कारोबारियों को जेवरों पर हालमार्क कराना होगा।

कानपुर, जेएनएन। आभूषणों पर हालमार्क बुधवार से अनिवार्य होने जा रहा है। हालांकि, इसके साथ ही सराफा कारोबारियों को सहूलियतें भी दी गई हैं। 40 लाख रुपये से कम वार्षिक कारोबार (यानी जो जीएसटी में नहीं) पर हालमार्क का पंजीयन कराना अनिवार्य नहीं बल्कि वैकल्पिक होगा। एक सितंबर तक बिना हालमार्क वाले अपने जेवर या तो बेचने होंगे या उन पर हालमार्क कराना होगा।

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इस दौरान ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) का कोई भी अधिकारी न किसी सराफा कारोबारी की दुकान पर जाएगा, न ही बिना हालमार्क के जेवरों पर कोई जुर्माना लिया जाएगा। फिलहाल कारोबारियों पर यूनीक आइडेंटीफिकेशन (यूआइडी) नंबर नहीं लागू होगा। मंगलवार देर रात दिल्ली में हालमार्क को लेकर हुई बैठक में हुए निर्णयों से कारोबारी काफी खुश हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ हुई इस बैठक में कानपुर से यूपी सराफा एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष महेश चंद्र जैन, आल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय संयोजक पंकज अरोड़ा भी शामिल थे।

पंकज अरोड़ा ने बताया कि कानपुर में 16 जून से हालमार्क लागू हो रहा है। बिना हालमार्क के जेवर बेचने पर एक सितंबर तक रोक नहीं होगी। इस बीच जेवर बेचे भी जा सकते हैं, उन्हें हालमार्क भी कराया जा सकता है। ग्राहकों से बिना हालमार्क वाले पुराने जेवर खरीदे जा सकेंगे। हालमार्क पंजीयन बार-बार नहीं कराना होगा। यह वन टाइम होगा। पंजीयन के लिए कोई शुल्क भी नहीं देना होगा। यूआइडी भी अभी सराफा कारोबारियों पर नहीं लगेगी। यह अभी हालमार्क सेंटर पर होगी, बाद में कारोबारियों पर लागू होगा। कुंदन व पोल्की की ज्वेलरी और ज्वेलरी वाली घडिय़ों को हालमार्क के दायरे से बाहर रखा गया है। हालांकि 20 और 24 कैरेट के जेवर इसके दायरे में होंगे।

चलन में है कुंदन व पोल्की की ज्वेलरी : पिछले कुछ वर्ष में कुंदन और पोल्की की ज्वेलरी काफी ज्यादा चलन में है। इन जेवरों को हालमार्क के दायरे से बाहर रखने से कारोबारी खुश हैं क्योंकि बड़े शोरूम में इस तरह की ज्वेलरी का बहुत अधिक स्टाक है।

सहालग खत्म, दो माह में कैसे बिकेंगे जेवर : यूपी सराफा एसोसिएशन के सचिव रामकिशोर मिश्रा के मुताबिक सहालग की बिक्री खत्म हो चुकी है, ऐसे में स्टाक दो माह में कैसे बिकेगा। इसके अलावा इतने हालमार्क सेंटर भी नहीं हैं कि पूरा स्टाक हालमार्क हो सके।

आंकड़े एक नजर में

- 2,000 करीब सराफा कारोबारी शहर में।

- 90 फीसद से ज्यादा जेवर बिना हालमार्क के।

- 04 हालमार्क केंद्र ही हैं कानपुर में।

- 150 पीस ही एक दिन में एक केंद्र में हालमार्क हो सकते।


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