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घाटमपुर - नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले चार ठग गिरफ्तार, शातिरों ने फर्जी ट्रेनिंग भी करा दी

सजेती पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का भांडा फोड़ किया है। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने सजेती के लौली गांव के दो लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर धोखधड़ी की है।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Sun, 06 Mar 2022 10:48 PM (IST)Updated: Sun, 06 Mar 2022 10:48 PM (IST)
घाटमपुर - नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले चार ठग गिरफ्तार, शातिरों ने फर्जी ट्रेनिंग भी करा दी
सजेती में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरफ्तार ।

घाटमपुर,जागरण संवाददाता। सजेती पुलिस ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ये सजेती, प्रयागराज, शाहजहांपुर और कानपुर देहात के निवासी हैं। इन लोगों ने सजेती क्षेत्र के लौली गांव के दो युवकों के साथ धोखाधड़ी की थी। पुलिस ने चारों को जेल भेज दिया।

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सजेती थाना प्रभारी नीरज बाबू के मुताबिक लौली के किशोरीलाल ने अपने बेटे रोहित तथा गांव के ही रामनरेश के बेटे रावेंद्र के साथ नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि बेटे को कौशांबी में एक निजी कंपनी में नौकरी दिलाने के लिए फोन आया था। ट्रेनिंग के नाम पर रोहित से सात हजार और रावेंद्र से 10 हजार रुपये वसूल लिए गए। कौशांबी पहुंचने पर दोनों को फर्जी ट्रेनिंग भी करा दी। इसके बाद कहा कि अपने रिश्तेदारों की लिस्ट बनाओ। दोनों से सभी को फोन कर नौकरी का आश्वासन दिलाने के लिए कहा। संदेह होने पर रोहित और रावेंद्र वहां से भाग निकले। शनिवार देर शाम चारों जालसाज गांव आ गए और धमकी देने लगे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। सजेती पुलिस उन्हें पकड़ लाई। पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो फर्जीवाड़े की बात सामने आई।

चारों की पहचान सजेती क्षेत्र के चपरहेटा निवासी राहुल शर्मा, प्रयागराज के सराय इनायत क्षेत्र के रामनाथपुर गांव निवासी राहुल यादव, कानपुर देहात के रसूलाबाद क्षेत्र के विकास कुमार और शाहजहांपुर जिले के कोरार क्षेत्र के रोहतापुर कलां निवासी स्वतंत्र कुमार मिश्रा के रूप में हुई है। जालसाज ट्रेनिंग के नाम पर 24 हजार रुपये एक आदमी से वसूलते थे। व्यक्ति के रिश्तेदार और जान पहचान वालों के मोबाइल नंबरों की लिस्ट तैयार की जाती थी। उन्हें भी नौकरी का झांसा दिया जाता था। जो फंस जाता, उसके साथ फिर वही प्रक्रिया अपनाई जाती।


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