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Ghatampur Murder Case: राज्य बाल संरक्षण आयोग कर रहा जांच, बसपा सुप्रीमो मायावती ने रखी सीबीआइ जांच की मांग

करीब डेढ़ घंटे गांव में रुकी सदस्य जया सिंह ने मामले की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर राजीव सिंह व सीओ रवि कुमार सिंह से विवेचना की प्रगति व कार्रवाई के साथ साक्ष्यों के बाबत भी जानकारी हासिल की।

By ShaswatgEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 06:06 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 07:38 PM (IST)
Ghatampur Murder Case: राज्य बाल संरक्षण आयोग कर रहा जांच, बसपा सुप्रीमो मायावती ने रखी सीबीआइ जांच की मांग
पोस्टमार्टम के पैनल में शामिल रहे डॉक्टरों के बयान दर्ज करने शहर रवाना हो गई है।

कानपुर, जेएनएन। बच्ची की हत्या के बाद पेट फाड़कर अंग निकालने की वीभत्स घटना का राज्य बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेकर जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को आयोग की सदस्य जया सिंह ने बच्ची और आरोपितों के स्वजन के अलावा पुलिस व प्रशासनिक अफसरों से वारदात की जानकारी ली। अंधविश्वास में हत्या की बात जान वह अवाक थीं। कहा, आज के दौर में ऐसी घटना होना शर्मनाक है। 

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दोपहर करीब डेढ़ बजे गांव पहुंची जया सिंह ने पहले बच्ची के घर पहुंच कर माता,पिता, भाई व बहनों से घटनाक्रम की जानकारी ली। इसके बाद आरोपित अंकुल व वीरन के घर पहुंचीं। अंकुल के भाई जिलेदार, राज कपूर व संजय, बहन जूली, आरती, पगलिया जबकि वीरन की मां मालती व पिता हरीचंद के बयान दर्ज किए। आरोपित दंपती परशुराम व सुनैना के घर की ओर भी रुख किया, मगर पुलिस और ग्रामीणों ने नि:संतान होने के चलते आवास मे ताला बंद होने की जानकारी दी। डेढ़ घंटे गांव में रुकीं आयोग की सदस्य ने विवेचक इंस्पेक्टर राजीव सिंह व सीओ रवि कुमार सिंह से विवेचना की प्रगति और कार्रवाई के साथ साक्ष्यों के बाबत जानकारी हासिल की।

आयोग की सदस्य ने बताया कि वह जांच कर रही हैं कि ऐसी कौन सी परिस्थितियां पैदा हुईं, जिसके चलते बच्ची की हत्या की गई। यदि तंत्र-मत्र के लिए वारदात हुई, तो शर्मनाक है। अभी जांच जारी है। सीओ रवि कुमार सिंह ने बताया कि आयोग की सदस्य पोस्टमार्टम के पैनल में शामिल रहे डॉक्टरों के बयान दर्ज करने शहर रवाना हो गई हैं।

मायावती ने दी प्रतिक्रिया 

 बच्ची हत्याकांड को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती गम्भीर दिख्र ही हैं। उन्‍होंने पूर्व मंत्री गयाचरन दिनकर व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली के नेतृत्व में जांच दल भेजा। सीबीआइ जांच, 25 लाख मुआवजा व पीडि़त परिवार के लिए सरकारी नौकरी की मांग की है। 


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