UP Health News: ई-हास्पिटल सिस्टम के जरिये क्यूआर कोड स्कैन कर देश के किसी अस्पताल में कराएं इलाज
देश में ई-हास्पिटल सिस्टम के जरिये अब कहीं भी इलाज कराने की सुविधा जल्द ही मिलने वाली है। इसमें अस्पतालों के पंजीकरण काउंटर पर आभा एप का क्यूआर कोड चस्पा रहेगा। जिसे स्कैन कर के देश के किसी अस्पताल में इलाज करा सकते हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता/ऋषि दीक्षित। ई-हास्पिटल सिस्टम के जरिये देशभर के दिल्ली एम्स, चंडीगढ़ पीजीआइ समेत सरकारी चिकित्सा संस्थानों और प्रमुख सरकारी अस्पतालों आनलाइन जोड़ने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इसके लिए नेशनल हेल्थ अथारिटी ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन योजना के तहत आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट मोबाइल एप्लिकेशन यानी आभा एप से देशभर के सरकारी अस्पतालों से एक साथ जोड़ा जा रहा है।
मरीज अपने एंड्रायड या स्मार्ट फोन पर आभा एप डाउनलोड करके आधार नंबर से जैसे ही पंजीकरण करेंगे, उनकी ई-हेल्थ फाइल तैयार हो जाएगी।जिले के तीन अस्पतालों में ट्रायल के तहत मरीजों का पंजीकरण किया जा रहा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन योजना के तहत आभा एप को यूजर इंटरफेस (यूआइ) करते हुए अपग्रेड किया गया है। अब यह कई सुविधाओं के साथ व्यापक करते हुए देश भर के सरकारी अस्पतालों के नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। इसमें स्वास्थ्य संबंधी सभी रिकार्ड सुरक्षित रखने की भी सुविधा है।
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल, उर्सला अस्पताल और रामा देवी स्थित कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय एवं ट्रामा सेंटर के ओपीडी पंजीकरण काउंटर पर आभा एप के क्यूआर कोड चस्पा किए गए हैं। पर्चा बनवाने वाले मरीजों को एप की विशेषताएं बताई जा रहीं हैं।आभा एप से पंजीकरण कराने को लगाए ट्रेनरएलएलआर अस्पताल में आभा एप पर मरीजों का पंजीकरण कराने को दो कर्मचारी व कांशीराम अस्पताल में दो और उर्सला अस्पताल में एक कर्मचारी लगाया गया है, जो ट्रेनर की भूमिका में है।
तीनों अस्पतालों में 100 मरीजों का रोजाना पंजीकरण किया जा रहा है। पंजीकरण के लिए आधार जरूरी आभा एप को कोई भी अपने मोबाइल फोन पर गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकता है। उसमें अपना आधार नंबर डालकर पंजीकरण करा सकता है। ऐसा करके एप पर आप अपनी ई-हेल्थ फाइल बना सकते हैं।भविष्य में मिलेंगी तमाम सुविधाएं अस्पतालों की ओपीडी, फार्मेसी, पैथोलाजी और रेडियोलाजिकल जांचों को भी ई-हास्पिटल के जरिये जोड़ा जा रहा है। उसके बाद मरीज जब किसी सरकारी अस्पताल में इलाज कराएगा। उसकी समस्या और पैथोलाजिकल और रेडियोलाजिकल जांचों के रिकार्ड ई-हेल्थ फाइल में सुरक्षित हो जाएंगे।
सरकार देश के छोटे-बड़े अस्पतालों को ई-हास्पिटल सिस्टम के जरिये जोड़ने की तरफ तेजी से बढ़ रही है।इसे ध्यान में रखते हुए आभा एप को अपग्रेड किया गया है।एक बार एप पर पंजीकरण कराने के बाद देश के किसी भी अस्पताल में आभा क्यूआर कोड स्कैन कराकर सीधे पर्चा बनवाकर इलाज करा सकते हैं।उसमें स्वास्थ्य संबंधी समस्त रिकार्ड सुरक्षित होने की वजह से डाक्टर को समस्या समझने में देर नहीं लगेगी।इसे ट्रायल के तहत शुरू किया गया है।प्रो. संजय काला, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।