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जीएसवीएम में खुलेगी जीनोम सिक्वेंसिंग लैब, आसानी से पता चल जाएगा वायरस का जीन

अभी तक कोरोना संक्रमण समेत अन्य वायरस के मूल का पता लगाने के लिए दिल्ली और पुणे के सेंटर सैंपल भेजे जाते हैं। अब जीएसवीएम मेडिकल कालेज में साढ़े तीन करोड़ रुपये से जीनोम सिक्वेसिंग लैब स्थापना के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 11:55 AM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 11:55 AM (IST)
जीएसवीएम में खुलेगी जीनोम सिक्वेंसिंग लैब, आसानी से पता चल जाएगा वायरस का जीन
अभी दिल्ली-पुणे भेजे जाते हैं कोरोना मरीज के सैंपल।

कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर ने खूब कहर ढहाया। वायरस के म्यूटेशन से बना डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट और भी घातक रहा। वायरस के जीनोम का पता लगाने के लिए शहर से सैंपल इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के नई दिल्ली स्थित सेंटर व पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) भेजना पड़ता है। अब यह निर्भरता खत्म होगी, जीएसवीएम मेडिकल कालेज में ही वायरस के जीन का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग लैब बनाने की तैयारी है। लैब के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया है। लैब बनने से वायरस के जीन बदलने का खेल यहां ही पकड़ लिया जाएगा।

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मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग की कोविड लैब में सिर्फ कोरोना की जांच की सुविधा थी। अत्यधिक कहर बरपाने पर वायरस के रूप का पता लगाने को सैंपल दिल्ली एवं पुणे भेजने पड़े, जिनकी रिपोर्ट एक-एक माह में मिल पाई। जीनोम सिक्वेंसिंग लैब यहां बन जाएगी तो वायरस के मूल जीन का पता यहां भी आसानी से लगाया जा सकेगा। कोरोना वायरस के अलावा अन्य वायरस के नए-नए वैरिएंट का भी आसानी से पता लगाया जा सकेगा।

ईसीआरपी-टू के तहत भेजा लैब का प्रस्ताव : केंद्र सरकार ने इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज (ईसीआरपी) फेज टू के तहत राजकीय मेडिकल कालेजों को अपग्रेड करने के लिए राज्य सरकारों को धनराशि आवंटित की है। इसके तहत जीएसवीएम से प्रस्ताव मांगे गए हैं। इसके तहत जीन सिक्वेंसिंग लैब का भी प्रस्ताव दिया गया है।

बदले समय में जीन पर शोध जरूरी : समय बदलने के साथ-साथ नई नई बीमारियां भी सामने आ रही हैं। प्रदूषण, अत्यधिक रसायनिक खादों का खेती में इस्तेमाल हो रहा है। यह खाद्य पदार्थों के माध्यम से शरीर में पहुंच कर जीन को प्रभावित कर रहा हैं। ऐसे में यह लैब जीन पर शोध को नया आयाम देगी। जीन पर शोध आज की मांग भी है, ताकि उसके हिसाब से मरीजों का इलाज किया जा सके।

-जीन सिक्वेंसिंग लैब के लिए पांच माह से प्रयासरत हैं। शासन से कई बार बात भी हुई है। फंड की समस्या आ रही थी। शासन ने ईसीआरपी-टू के तहत प्रस्ताव मांगे हैं, जिसमें प्राचार्य के माध्यम से जीन सिक्वेंसिंग लैब का भी प्रस्ताव दिया है। इस लैब की स्थापना से स्थानीय स्तर पर किसी भी वायरस के जीन का पता लगाना संभव हो जाएगा। फिलहाल यह लैब कोरोना के जीन सिक्वेंसिंग पर काम करेगी। -डा. आनंद नारायण सिंह, विभागाध्यक्ष, बायोकेमिस्ट्री, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।


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