लखनऊ मेडिकल कॉलेज से जुड़े किडनी रैकेट के तार, तीन अस्पताल भी पुलिस के निशाने पर
लखनऊ मेडिकल कालेज समेत लखनऊ के तीन किडनी सेंटर पुलिस के निशाने पर हैं। यहां से किडनी का ट्रांसप्लांट करने समेत कई मरीजों को बाहर रेफर किया गया है
जागरण संवाददाता, कानपुर : किडनी के काले कारोबार में देश के प्रमुख किडनी सेंटर के साथ सरकारी अस्पतालों के नाम भी सामने आ रहे हैं। यहीं से इस रैकेट से जुड़े लोगों ने मरीज व डोनर तलाशकर करोड़ों रुपये कमाए। अब पुलिस के निशाने पर लखनऊ मेडिकल कालेज समेत लखनऊ के तीन किडनी सेंटर हैं। यहां से किडनी का ट्रांसप्लांट करने समेत कई मरीजों को बाहर रेफर भी किया गया है।
कानपुर पुलिस ने गुरुवार रात गवाह बने लखनऊ निवासी डोनर वरदान के साथ किडनी एजेंट लखीमपुर निवासी गौरव मिश्र व काकोरी निवासी सबूर से जुड़े लोगों का ब्योरा जुटाया। पुलिस पूछताछ में गौरव ने खुद को मेडिकल कालेज में संविदा कर्मी होने और वहीं गार्ड सबूर से मुलाकात की बात बताई। यहीं से गौरव ने डाक्टरों और किडनी का कारोबार करने वालों के बीच पैठ बनानी शुरू कर दी थी। पूछताछ में सामने आया है कि गौरव व सबूर वर्ष 2005 से किडनी रैकेट से जुड़कर काम कर रहे थे। सबूर ने अपनी बहन तक की किडनी बेची है। इन लोगों ने मेडिकल कालेज के साथ ही वहां के तीन किडनी सेंटर में आने वाले मरीजों को अपने जाल में फंसाया और किडनी डोनेट कराकर लाखों कमाए। इलाज के लिए पैसे की मार झेल रहे लोगों को भी अपना शिकार बनाया। पुलिस गवाह वरदान भी उनका एक शिकार है, जिसने 2018 में अपनी बेटी के इलाज के लिए पहले अपनी किडनी बेची और बाद में पत्नी की किडनी बेचने की तैयारी कर रहा था, लेकिन गिरोह पकड़ा गया। पुलिस वरदान के साथ ही डॉक्टर, किडनी सेंटर व पैथोलॉजी का ब्योरा एकत्र कर रही है, जहां किडनी से जुड़े मरीज आते थे और गौरव व सबूर से जुड़े थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस टीम ने मेडिकल कालेज व तीन किडनी सेंटर में शुक्रवार को दोनों के बारे में जानकारी जुटाई साथ ही किडनी से जुड़े मरीजों का ब्योरा मांगा।