यहां पर तो बिकने लगा कूड़ा, अगले महीने से खाद बनना भी हो जाएगी शुरू Kanpur News
पनकी प्लांट में नगर निगम ने सतना की सीमेंट कंपनी को बेची सौ मीट्रिक टन प्लास्टिक इस आय को प्लांट के संचालन में किया जाएगा खर्च।
कानपुर, जेएनएन। नगर निगम ने भाऊसिंह पनकी मे लगभग एक साल से बंद पड़े कूड़ा प्लांट का संचालन शुरू कर दिया है। एक पखवारे में कूड़े से निकली सौ मीट्रिक टन प्लास्टिक सतना की सीमेंट फैक्ट्री को बेचा है। वहीं फरवरी से कूड़े से खाद बनाकर भी बेचने लगेगा। इससे होने वाली आय को प्लांट के संचालन में खर्च किया जाएगा। नगर निगम प्लांट में कूड़े से दबी मशीनों को भी निकाल रहा है। इन मशीनों के जरिये कूड़े से प्लास्टिक, गीला और सूखा कूड़ा अलग किया जाता है। गीले कूड़े से खाद और सूखे कूड़े में बेचने वाली सामग्र्री अलग कर उसका निस्तारण किया जाएगा। इसके तहत पहले चरण में प्लास्टिक अलग की जा रही है।
40 फीसद निकल रही प्लास्टिक
रोक के बाद भी कूड़े से 40 फीसद तक प्लास्टिक निकल रही है, जिसका प्रयोग जलाने के काम आता है। इसके अलावा 50 फीसद गीला और 10 फीसद सूखा कूड़ा निकल रहा है।
दो लाख की बेची प्लास्टिक
नगर निगम ने सतना सीमेंट कंपनी को दो सौ रुपये टन के हिसाब से दो लाख रुपये की प्लास्टिक बेची है। अब कूड़े से बनने वाली खाद को भी नगर निगम बेचेगा। सौ किलो खाद की बोरी की कीमत डेढ़ से दौ सौ रुपये में बेचने की तैयारी है।
पुराने कूड़े का निस्तारण करेगा शासन
प्लांट में एकत्र बीस लाख मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण के लिए शासन द्वारा कंपनी तय की जा रही है। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शासन स्तर पर चल रही है।
अभी ये है कूड़ा का हाल
-1350 मीट्रिक टन कूड़ा रोज शहर से निकलता है।
-1100 मीट्रिक टन कूड़ा रोज उठता है।
-250 मीट्रिक टन कूड़ा रोज शहर में एकत्र हो रहा है।
-5000 सफाई कर्मचारी लगे हैं।
-62 कूड़ा वाहन लगे हैं।
ये हो जाए तो न दिखे शहर में कूड़ा
-110 वार्डों के हर घर से गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाया जाए। इससे सड़क पर गंदगी नहीं आएगी और सफाई कर्मचारियों का प्रयोग अन्य जगह किया जा सकेगा।
ये करने की है तैयारी
स्मार्ट सिटी में बने छह कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन चालू किए गए हैं। हर कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन में 18 मीट्रिक टन कूड़ा रोज रखने की क्षमता है। इससे चार वार्डों में कूड़ाघर हट जाएंगे और सीधे क्षेत्र से कूड़ा आकर प्लांट तक जाएगा।
इससे ये होगा फायदा
- शहर में गंदगी नहीं दिखेगी।
- गंदगी न होने से बेसहारा जानवरों का जमावड़ा नहीं लगेगा।
- सड़क तक कूड़ा न फैलने से यातायात बाधित नहीं होगा।
इनका ये है कहना
बंद प्लांट को चालू किया जा रहा है। प्लास्टिक सीमेंट फैक्ट्री को दी जा रही है। फरवरी से खाद बनने लगेगी, उसे भी बेचा जाएगा। घर-घर से कूड़ा उठाने के लिए जोनवार विकेंद्रीकरण किया जाएगा। सड़क पर गंदगी न आने के लिए हर कूड़ाघर में दो-दो कर्मचारी लगाए गए हैं।
-अक्षय त्रिपाठी, नगर आयुक्त