गंगा-यमुना को गंदगी से बचाएंगे श्रद्धा कलश
नमामि गंगे के तहत 12.97 करोड़ रुपये की लागत से तीन साल के इस प्रोजेक्ट में जो प्रमुख कार्य होने हैं, उनमें सभी 87 घाटों की धुलाई-सफाई होगी। अंतिम संस्कार वाले घाटों पर गंदगी का निस्तारण होगा।
राहुल शुक्ल, कानपुर
प्रदेश में गंगा और यमुना को गंदगी से बचाने के लिए नमामि गंगे योजना के तहत घाटों पर सफाई व्यवस्था का मजबूत ढांचा तैयार किया जाएगा। ऐसे इंतजाम किए जाएंगे कि किसी भी सूरत में गंदगी नदी में न जाए, न ही घाट गंदे दिखें। नदी में फेंकी जाने वाली पूजन सामग्री घाटों पर श्रद्धा कलश में डाली जाएगी। पहले चरण में कानपुर, बिठूर, इलाहाबाद व मथुरा-वृंदावन के 87 घाटों को चुना गया है।
कुल 12.97 करोड़ रुपये की लागत से तीन साल के इस प्रोजेक्ट में जो प्रमुख कार्य होने हैं, उनमें सभी 87 घाटों की धुलाई-सफाई होगी। अंतिम संस्कार वाले घाटों पर गंदगी का निस्तारण होगा। नदी किनारे तक झाड़ू लगेगी और कचरा एकत्र किया जाएगा। हर घाट पर श्रद्धा कलश स्थापित होंगे। पर्याप्त डस्टबिन की भी व्यवस्था होगी। सफाई के लिए निजी कर्मचारी लगाए जाएंगे।
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कार्यदायी एजेंसी होगा नगर निगम
प्रोजेक्ट में नगर निगमों को कार्यदायी एजेंसी के रूप में चयनित किय गया है। प्रोजेक्ट अनुबंध आधारित सेवाओं के तहत लागू होगा। नगर आयुक्त संतोष कुमार गुप्ता ने अफसरों को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासनिक व्यय की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।
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कहां कितने घाट हुए शामिल
शहर घाट खर्च
कानपुर 20 2.61 करोड़
बिठूर- 19 3.45 करोड़
इलाहाबाद- 21 3.30 करोड़
मथुरा-वृंदावन - 27 3.59 करोड़
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कर्मचारी लगेंगे
शहर कर्मी सुपरवाइजर
कानपुर 64 6
बिठूर 49 5
इलाहाबाद 64 6
मथुरा-वृंदावन 70 5
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कानपुर के घाट
गंगा बैराज, भैरोघाट, मैगजीन घाट, परमट घाट, रानी घाट, बाबा घाट, अस्पताल घाट, गुप्तार घाट, मैस्कर घाट, काली घाट, श्याम घाट, कमलेश्वर घाट, गणेश घाट, कोयला घाट, गोला घाट, सिद्धनाथ घाट, सरसैया घाट, आनंदेश्वर घाट, मौनी घाट।