गंगा का जलस्तर गिरा, कच्चा पानी ट्रीट करने में मुश्किल
जागरण संवाददाता, कानपुर : दो दिन में गंगा का जलस्तर सात इंच गिरने से कालापन बढ़ गया है। वहीं ग
जागरण संवाददाता, कानपुर :
दो दिन में गंगा का जलस्तर सात इंच गिरने से कालापन बढ़ गया है। वहीं गंगाजल में नाइट्राइट मिलने से जलकल को कच्चा पानी ट्रीट करने में दोगुना फिटकरी और डेढ़ गुना क्लोरीन खर्च करनी पड़ रही है। कच्चा पानी खींचने को चलाई जा रही ड्रेजिंग मशीन का भी खर्च बढ़ गया है।
दो दिन पहले गंगा का जलस्तर 357.5 फीट था, जो रविवार दोपहर में 356.8 फीट पहुंच गया। सात इंच गंगा का जलस्तर गिरने से पानी कम हो गया है। भैरोघाट पंपिंग स्टेशन से जलकल रोजाना जलापूर्ति के लिए बीस करोड़ लीटर कच्चा पानी खींचता है। इसको अभी ट्रीट करने में पांच टन फिटकरी व पांच से छह सौ किग्रा क्लोरीन खर्च हो रही थी। जलस्तर कम होने से कालापन बढ़ने के साथ ही गंगाजल में 0.03 मिली ग्राम प्रति लीटर नाइट्राइट मिली है। जलस्तर कम होने व नाले का पानी मिलने से नाइट्राइट आया है। इसके देखते हुए जलकल ने पानी ट्रीट करने के लिए क्लोरीन की मात्रा बढ़ा दी है। अब नौ सौ किग्रा क्लोरीन खर्च की जा रही है ताकि नाइट्राइट खत्म हो जाए। जलकल अफसरों का कहना है कि ऐसे ही गंगा का जलस्तर तेजी से गिरता रहा तो जल संकट खड़ा हो जाएगा। इसको देखते हुए मार्च में ही जलकल चार सौ मीटर बालू की बोरियों का अस्थायी बंधा बनाने जा रहा है। इसकी लागत 15 लाख आएगी। जलकल महाप्रबंधक आरपी सिंह सलूजा ने बताया कि जिलाधिकारी के माध्यम प्रमुख सचिव सिंचाई विभाग को पत्र लिखा है कि गंगा में पानी छोड़ा जाए।
बैराज से भैरोघाट तक बिछाई जाए पाइप लाइन
जलकल विभाग ने जल निगम को पत्र लिखा है कि बैराज से भैरोघाट पंपिंग स्टेशन तक 1.6 किलोमीटर पाइप लाइन बिछायी जाए। 10.29 करोड़ का प्रोजेक्ट पास हो गया है। टेंडर भी हो गया है लेकिन फाइल शासन में लटकी हुई है।