गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा, मकर संक्रांति पर लगेगी पुण्य की डुबकी और जलकल ने भी ली राहत
मकर संक्रांति पर्व प्रयागराज में स्नानर्थियों के मद्देनजर गंगा नदी में नरौना बांध से दोगुना जल छोड़ा जा रहा है जिससे जलस्तर बढ़ने लगा है। इससे कानपुर में जलकल ने राहत की सांस ली है अब ट्रीट करने में कम खर्च आएगा।
कानपुर, जागरण संवाददाता। 14 जनवरी को मकर संक्राति के स्नान को लेकर शहर से तेजी से जल छोड़ा जा रहा है ताकि प्रयागराज में गंगा का जलस्तर ज्यादा रहे। गंगा का जलस्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा राहत जलकल को मिली है। पानी बढ़ने से शुद्ध होने के कारण ट्रीट करने में रसायन कम खर्च हो रहा है और ड्रैजिंग मशीन का प्रयोग भी नहीं करना पड़ेगा।
पिछले दिनों पहाड़ों में हुई बारिश का असर गंगा पर नजर आने लगा था और जलधारा घाटों तक पहुंच गई थी। चेतावनी बिंदु तक पार कर गई थी। इसके बाद नवंबर में धीरे-धीरे गंगा का जलस्तर तेजी से गिरने लगा। पहले रोज एक लाख क्यूसेक लीटर से ज्यादा जल नरौना बांध से छोड़ा जा रहा था, वहां पर अब चार से छह हजार क्यूसेक लीटर जल छोड़ा जा रहा है। नरौना से कम जल अाने से शहर में भी गंगा घटने लगी थीं लेकिन अब जलस्तर बढ़ना शुरू हो रहा है।
मंकर संक्राति 14 जनवरी होने पर प्रयागराज में गंगा का स्तर बढ़ाने के लिए पानी छोड़ा जा रहा है। शहर से पहले छह हजार क्यूसेक लीटर तक जल छोड़ा जा रहा था अब 12 हजार क्यूसेक लीटर तक जल छोड़ा जा रहा है। इससे फिर घाटों के किनारे गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। जलकल को फिर से राहत मिली है। अभी दो गुना तक पानी ट्रीट करने के लिए खर्च करना पड़ रहा था अब डेढ़ गुना रसायन खर्च हो रहा है। अभी फिटकरी अाठ टन तक खर्च हो रही थी अब छह टन तक ही खर्च हो रही है। इसके अलावा ड्रेजिंग मशीन नहीं चलाना पड़ रही है। पानी अपने अाप पंप तक अा रहा है। इसके चलते अासानी से पंप होकर ट्रीट होने के लिए जलकल मुख्यालय बेनाझाबर तक जा रहा है।
अपस्ट्रीम पर जलस्तर - 113 मीटर
डाउनस्ट्रीम पर जलस्तर- 110.33मीटर
बिठूर से भैरोघाट की तरफ छोड़ा जा रहा जल - 11542 क्यूसेक लीटर