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खतरे के निशान के ऊपर गंगा का प्रवाह, बैराज मार्ग व बिठूर-परियर मार्ग बंद

पुलों पर खतरा बढ़ा, बाढ़ के पानी से कटान में शिवराजपुर-उन्नाव मार्ग बह गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 01:44 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 04:34 PM (IST)
खतरे के निशान के ऊपर गंगा का प्रवाह, बैराज मार्ग व बिठूर-परियर मार्ग बंद
खतरे के निशान के ऊपर गंगा का प्रवाह, बैराज मार्ग व बिठूर-परियर मार्ग बंद

जेएनएन, कानपुर : गंगा नदी का प्रवाह खतरे के निशान पार चुका है, तटवर्ती गांवों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। कानपुर क्षेत्र के करीब पांच सौ गांव और उन्नाव क्षेत्र के कटरी स्थित 400 गावों तक पानी पहुंच गया है। गंगा नदी में उफान के चलते बैराज मार्ग, बिठूर से परियर जाने वाला मार्ग और शिवराजपुर से उन्नाव की सड़क पर बने पुलों पर खतरा बढ़ने से आवागमन बंद कर दिया गया है। गंगा का पानी पुल की निचली सतह को छूने लगा है और पिलरों को सिर्फ ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा है। शिवराजपुर मार्ग पर उन्नाव की ओर कटान होने से सड़क बह गई है।

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बीते 28 घटे से खतरे के निशान 113 मीटर पर ठहरा गंगा का जलस्तर सोमवार दोपहर बाद पार करके 113.03 पर पहुंच गया। जलस्तर के खतरे के निशान पर पहुंचने के बाद से तटवर्ती गांवों में दहशत का माहौल बन गया है। अब जलस्तर बढ़ना शुरू होने से बाढ़ और भी विकराल होगी। उन्नाव क्षेत्र में 24 घटे से बाढ़ के पानी से घिरे गावों को खाली कराने में लगे प्रशासन की फिक्र और बढ़ गई है। लोगों को जल्द से जल्द गावों से निकालने की कोशिशों के साथ ही प्रशासन ने पीएसी और जल पुलिस को सतर्क कर दिया है। बाढ़ में कानपुर के शिवराजपुर को उन्नाव से जोड़ने वाली सड़क के बह जाने के बाद बालू भरी बोरिया लगा दी गई हैं। लगातार बढ़ते पानी को देखकर प्रशासन ने सड़क पर आवागमन बंद करा दिया है।

कानपुर क्षेत्र के बिठूर में परियर मार्ग पर आवागमन रोक दिया गया। बिठूर की ओर बैरीकेडिंग लगाकर पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं खतरा देखते हुए गंगा बैराज मार्ग पर भी बैरीकेडिंग लगाकर आवागमन रोक दिया गया है। डीएम ने कहा है कि किसी भी वाहन को पुल से ना गुजरने दें फिर कोई पैदल भी जाना चाहे तो उसे रोक दिया जाए क्योंकि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं बिल्हौर और चौबेपुर क्षेत्र में गंगा तटवर्ती गांवों में पानी भरने से लोगों ने गृहस्थी का सामान समेटना शुरू कर दिया है। कई परिवार सुरक्षित ठिकानों पर पलायन कर गए हैं।


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