आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना में फर्जीवाड़ा : झांसी में 25 बोगस कंपनियां चिह्नित, पीएफ इंस्पेक्टरों ने की छापेमारी
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय के अधीन झांसी जिले में 10 करोड़ के फर्जीवाड़े का अंदेशा जताया जा रहा है। जांच अधिकारी नियोक्ता की तलाश में जुटे हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय कार्यालय में कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) में कई बोगस फर्मों का पंजीयन हुआ। शातिर बोगस फर्म बनाकर एक के बाद एक आनलाइन पीएफ क्लेम कर राशि निकालते गए। अचानक पीएफ दावे बढ़ने से अफसरों को संदेह हुआ, जिसपर जांच शुरू कराई गई। इसमें झांसी जिले से 25 बोगस कंपनियों के जरिये 10 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा होने की बात सामने आई। कानपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में तैनात पीएफ इंस्पेक्टरों ने सोमवार को झांसी जिले में बोगस कंपनी के पते पर छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट सौंपने के साथ नियोक्ता की तलाश करके राशि की रिकवरी व केस दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।
ईपीएफओ के उच्चाधिकारी ने बताया कि सरकार ने अब तक की जांच में झांसी जिले में सर्वाधिक 25 में से 16 कंपनियों के पंजीयन को फर्जी पाया है। शेष नौ कंपनियों के भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि एक-एक पीएफ इंस्पेक्टर को चार-चार कंपनी की जांच करने का जिम्मा दिया गया है। जांच अधिकारी फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों की तलाश में जुट गए हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश पंजीकृत फर्जी फर्मों में रिश्तेदार, दोस्त व गांव के लोगों को शामिल कर सरकारी योजना में फर्जीवाड़ा किया गया है। इधर, इस संबंध में ईपीएफओ के क्षेत्रीय अधिकारी अमूल राज सिंह से फोन पर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
सरकार इस मंशा से लाई थी योजना
केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान श्रमिकों व कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा, लाभ व रोजगार के नुकसान की भरपाई व नए रोजगार को बढ़ावा देने और नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक अक्टूबर 2020 को योजना लागू की थी। योजना के तहत कानपुर रीजन में कानपुर नगर, कानपुर देहात, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, झांसी, ललितपुर, जालौन, इटावा, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद जिलों से व्यापक स्तर पर कंपनियां ईपीएफओ कार्यालय में पंजीकृत हुईं। पंजीकृत होने वाली कंपनियों की संख्या ज्यादा होने पर भविष्य निधि संगठन के शीर्ष नेतृत्व ने योजना के तहत पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 जून 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक कर दी थी।