अनुशासनहीनता पर सीएसजेएमयू के चार छात्र एक माह के लिए निलंबित
चीफ प्रॉक्टर बोले रहना होगा अनुशासन में, दो अलग-अलग मामलों में जांच पूरी, बाहरी छात्र सुमित प्रताप सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।
By Edited By: Published: Tue, 25 Dec 2018 11:41 PM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 10:45 AM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। अनुशासनहीनता करने पर छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के चार छात्रों को एक माह के लिए निलंबित कर दिया गया। जबकि एक बाहरी छात्र के प्रवेश पर हमेशा के लिए रोक लगा दी गई। दो अलग-अलग मामलों में हुई कार्रवाई के बाद इन चार छात्रों में एमबीएम प्रथम वर्ष का दिव्यांशु मिश्रा, बीबीए द्वितीय वर्ष का पुनीत त्रिवेदी, बीपीटी पहले वर्ष का दीपक मौर्या व बीसीए तृतीय वर्ष का विशंभर यादव शामिल है। वहीं बाहरी छात्र सुमित प्रताप सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
विवि के प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि अगर बाहरी छात्र दोबारा कैंपस में दिखा तो उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। विवि के चीफ प्रॉक्टर डॉ.नीरज कुमार सिंह ने बताया नवंबर में पहला मामला एमबीए में सीनियर व जूनियर के बीच विवाद का आया। एमबीए सेकेंड इयर के छात्र रजत कुमार ने शिकायत दर्ज कराई कि जूनियर छात्र दिव्यांशु मिश्रा (एमबीए प्रथम वर्ष) ने अभद्रता व मारपीट की। रजत की ओर से शिकायत मिलने पर जब प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने मामले की जांच की तो दिव्यांशु को दोषी पाया।
इसके बाद दिव्यांशु के खिलाफ कार्रवाई की गई। इसी तरह दूसरे मामले में पुनीत त्रिवेदी, दीपक मौर्या, विशंभर यादव व सुमित प्रताप सिंह ने प्रशासनिक भंवन में कर्मचारियों से अभद्रता की थी। कर्मचारियों ने सभी के खिलाफ लिखित रूप से शिकायत की थी। जब इस मामले की जांच प्राक्टोरियल बोर्ड ने की तो सभी छात्र दोषी पाए गए। इसलिए उन सभी को भी एक-एक माह के लिए सस्पेंड करने के बाद बाहरी छात्र सुमित प्रताप सिंह का विवि में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया। चीफ प्रॉक्टर ने कहा कि छात्रों को परिसर के अंदर अनुशासन में रहना होगा। विवि प्रशासन किसी छात्र का अहित नहीं चाहता, पर छात्र अगर अनुशासनहीनता करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
विवि के प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि अगर बाहरी छात्र दोबारा कैंपस में दिखा तो उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। विवि के चीफ प्रॉक्टर डॉ.नीरज कुमार सिंह ने बताया नवंबर में पहला मामला एमबीए में सीनियर व जूनियर के बीच विवाद का आया। एमबीए सेकेंड इयर के छात्र रजत कुमार ने शिकायत दर्ज कराई कि जूनियर छात्र दिव्यांशु मिश्रा (एमबीए प्रथम वर्ष) ने अभद्रता व मारपीट की। रजत की ओर से शिकायत मिलने पर जब प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने मामले की जांच की तो दिव्यांशु को दोषी पाया।
इसके बाद दिव्यांशु के खिलाफ कार्रवाई की गई। इसी तरह दूसरे मामले में पुनीत त्रिवेदी, दीपक मौर्या, विशंभर यादव व सुमित प्रताप सिंह ने प्रशासनिक भंवन में कर्मचारियों से अभद्रता की थी। कर्मचारियों ने सभी के खिलाफ लिखित रूप से शिकायत की थी। जब इस मामले की जांच प्राक्टोरियल बोर्ड ने की तो सभी छात्र दोषी पाए गए। इसलिए उन सभी को भी एक-एक माह के लिए सस्पेंड करने के बाद बाहरी छात्र सुमित प्रताप सिंह का विवि में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया। चीफ प्रॉक्टर ने कहा कि छात्रों को परिसर के अंदर अनुशासन में रहना होगा। विवि प्रशासन किसी छात्र का अहित नहीं चाहता, पर छात्र अगर अनुशासनहीनता करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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