कानपुर के वो चार प्राचीन मंदिर जिनका मिटा दिया वजूद, बेकनगंज के गर्भगृह से शिवलिंग को ही हटाया
कानपुर में हिंदू आबादी के पलायन के बाद कई मंदिरों का वजूद ही मिटा दिया गया। बेकनगंज में रामजानकी मंदिर परिसर पर कब्जा करके बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट खोल दिया गया। इसी तरह शिव मंदिर के गर्भगृह से शिवलिंग को हटा दिया।
कानपुर, जागरण संवाददाता। मुस्लिम बहुल इलाकों से हिंदू आबादी के पलायन होने पर भूमाफिया की निगाह मंदिरों पर टिकी है। एक-एक कर मंदिरों के वजूद को खत्म किया जाने लगा। जहां विरोध हुआ, वहां मंदिर जीर्णशीर्ण अवस्था में बचे हैं, जबकि कई मंदिरों का नामोनिशान मिट गया। दैनिक जागरण की पड़ताल में बेकनगंज, कर्नलगंज, चमनगंज में ऐसे कुछ मंदिर सामने आए हैं।
कर्नलगंज का शिव मंदिर : बदर अली इमाम चौक से छठवीं संपत्ति शिव मंदिर की है। गुंबदनुमा मंदिर के अवशेष को देखकर सहज अंदाजा होता है कि यह मंदिर का आगे का हिस्सा है जबकि इससे लगा हुआ हिस्सा अतिक्रमण के चलते नष्ट हो चुका है। मंदिर के गर्भगृह में स्थित शिवलिंग भी नहीं है। इसे कई साल पहले हटा दिया गया था। अब गर्भगृह में कबाड़ का सामान भरा है। मंदिर परिसर में ही पुजारी रहते थे, जहां अब मोनिस चाय वाला रहता है। दैनिक जागरण ने एक साल पहले भी मामला उठाया था, तब महापौर प्रमिला पांडेय और तत्कालीन सीओ त्रिपुरारी पांडेय ने मौके पर पहुंच कर अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी थी।
चमनगंज का गौरीशंकर मंदिर : तकिया पार्क पुलिस चौकी के सामने 88/52 शिव सहाय रोड चंपा भवन प्रेमनगर में प्राचीन शिव मंदिर है। भू-माफिया मुख्तार बाबा ने संपत्ति को कोठी बताकर अपनी बेटी नाज आयशा के नाम पर रजिस्ट्री करा ली। सितंबर 2019 में उदय शंकर निगम ने डीएम को इसकी शिकायत की, जिसमें कहा गया कि मंदिर में पूजा पाठ और धार्मिक आयोजन कराने पर मुख्तार पुलिस की मदद से उसे रुकवा देता है। सुबह शाम आरती के समय मंदिर के टीन शेड पर कुछ लोग पत्थर फेंक कर पूजा पाठ में विघ्न डालते हैं। दो साल पहले हुई इस शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई अभी तक नहीं हुई।
बेकनगंज का रामजानकी मंदिर : डा. बेरी चौराहा पर स्थित 99/14ए बेकनगंज में भगवान श्रीराम और माता जानकी का मंदिर था, जो नगर निगम की पंचशाला में रामजानकी मंदिर ट्रस्ट के नाम से दर्ज था। मंदिर परिसर में आगे की ओर 18 दुकानें थीं, जिन्हें धीरे-धीरे भूमाफिया ने कब्जा कर लिया और बाबा बिरयानी के नाम का रेस्टोरेंट बना दिया। मंदिर ट्रस्ट की जमीन के कुछ अवशेष आज भी हैं, जिसका बहुत कम हिस्सा ही शेष बचा है। इस हिस्सा भी धीरे-धीरे वजूद खोता जा रहा है। मौसम की मार के आगे जर्जर हिस्सा जिस दिन ढहा, उसी दिन यह पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
बेकनगंज का मंदिर : डा. बेरी चौराहा से दादामियां चौराहा की ओर जाने वाली रेडीमेड मार्केट में भी क्षेत्रीय लोगों ने दो मंदिर होने की जानकारी दी है। बताया गया कि इन दो मंदिरों में एक जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, जबकि ठीक सामने गली में स्थित दूसरे मंदिर का कुछ हिस्सा टूट गया था, जिसे एक बिल्डर ने पूरी तरह हटा दिया और यहां बहुमंजिला मार्केट बना दी। सघन आबादी होने के चलते जिला प्रशासन ने भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं, जीर्ण-शीर्ण अवस्था में मौजूद मंदिर भी धीरे-धीरे समाप्त होने की कगार पर है।