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'मेहरबानी' पाओ, चाहे जैसा निर्माण कराओ

सुविधा शुल्क लेकर निर्माण की एनओसी दे देते केडीए के अभियंता, मास्टर प्लान में स्वीकृत तीन मंजिला मकान बन गए अपार्टमेंट

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Jul 2018 05:25 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jul 2018 05:25 PM (IST)
'मेहरबानी' पाओ, चाहे जैसा निर्माण कराओ
'मेहरबानी' पाओ, चाहे जैसा निर्माण कराओ

जागरण संवाददाता, कानपुर : केडीए के प्रवर्तन दस्ते में तैनात सहायक अभियंता राजीव गौतम को सीबीआइ द्वारा पकड़े जाने के बाद एक बात साफ हो गई है कि यदि केडीए अभियंताओं की मेहरबानी है तो कहीं पर भी मनचाहा निर्माण कराया जा सकता है। सुविधा शुल्क देकर प्रतिबंधित क्षेत्र में भी निर्माण करने की एनओसी ली जा सकती है। यही वजह है कि एयरफोर्स के एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफीसर ग्रुप कैप्टन ने पिछले दिनों एयरफोर्स के पास बिना मानक के बन रही फैक्ट्री की शिकायत करते हुए पत्र लिखा था, जिसे केडीए अभियंताओं ने गंभीरता से नहीं लिया। शहर का शायद ही कोई इलाका होगा जहां बिना मानक के निर्माण न हो रहा है।

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केडीए के अभियंताओं की मेहरबानी के चलते ही मास्टर प्लान तक फेल हो गया। मास्टर प्लान के तहत कई इलाकों में तीन मंजिला मकान बनाने की स्वीकृति है पर मौके पर बिना पार्किंग के अपार्टमेंट से लेकर होटल व गेस्ट हाउस खड़े हो गए हैं। वहीं कार्रवाई करने वाले केडीए, नगर निगम, जलकल व अग्निशमन विभाग को भी ये नहीं दिखाई दे रहा है।

छोटे निर्माण पर डंडा, बड़े पर छूट

सुविधा शुल्क न मिलने पर केडीए के अभियंता व सुपरवाइजर छोटे निर्माण तुरन्त सील कर देते हैं पर बड़े निर्माण पर नजर नहीं जाती। स्थिति यह है कि विकास नगर, अशोक नगर, गुमटी नंबर पांच, काकादेव, सर्वोदय नगर, कौशलपुरी, ब्रह्मनगर समेत कई इलाकों के आवासीय क्षेत्रों में बिना पार्किग के व्यावसायिक निर्माण हो गए हैं। होटल, गेस्ट हाउस व नर्सिग होम बन गए हैं लेकिन नगर निगम के अभियंताओं को ये नहीं दिखते। जब नक्शे पर निर्माण नहीं हो रहा तो जलकल व बिजली कनेक्शन किस आधार पर दे रहे हैं।

सील सात सौ इमारतें बनकर खड़ीं

वर्ष 2012 से लेकर अब तक सात सौ सील हो चुकी हैं। कई निर्माण पिलर बनने के समय सील हुए थे लेकिन जांच कराई जाए तो पता चल जाएगा कि क्या स्थिति है। कई सील इमारतों की फाइल गायब है। चमनगंज, प्रेमनगर, आचार्यनगर, रामबाग, इफ्तिखाराबाद, ब्रह्मनगर, किदवईनगर, गुमटी नंबर पांच, शारदा नगर, नवाबगंज, आजाद नगर, किदवईनगर, इंदिरा नगर, मैनावती मार्ग, जनरलगंज, कलक्टरगंज समेत कई इलाकों में सील इमारतें बनकर खड़ी हैं।

हादसों के बाद भी बन रहे बेसमेंट

बेसमेंट में मिंट्टी धंसने के मामले में कई घटनाएं हो चुकी हैं। कैनाल पटरी में बिना सुरक्षा व्यवस्था के बेसमेंट खोदने में दो मजदूरों की मौत हो गई थी। जवाहर नगर में एक बेसमेंट खोदने में तीन मजदूर फंस गए थे। ऐसे शहर में कई जगह बेसमेंट खोदे जा रहे हैं।

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अवैध निर्माण पर लगातर कार्रवाई की जा रही है। शिकायतें आने पर उनकी जांच करके कार्रवाई की जाती है। नोटिस भी भेजी गई हैं।

-सौम्या अग्रवाल, उपाध्यक्ष केडीए


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