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Forbes Magazine में आइआइटी के पूर्व छात्रों की सफल कहानी, स्वदेशी वेंटिलेटर ने दी देश-दुनिया को सांसें

देश दुनिया की प्रख्यात फोर्ब्स मैगजीन ने आइआइटी के पुरातन छात्रों की सफलता की कहानी को प्रकाशित किया है । कोरोना संक्रमण काल में पूर्व छात्रों ने स्वदेशी तकनीक से वेंटिलेटर बनाकर भारत में मरीजों को जिंदगी दी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 12:54 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 12:54 PM (IST)
Forbes Magazine में आइआइटी के पूर्व छात्रों की सफल कहानी, स्वदेशी वेंटिलेटर ने दी देश-दुनिया को सांसें
आइआइटी कानपुर ने ट्वीट करके बढ़ाया हौसला।

कानपुर, जेएनएन। फोर्ब्स मैगजीन में देश का नाम छाया है, कवर पेज पर औरैया के रहने वाले उद्यमी को जगह दी है तो अंदर आइआइटी के पूर्व छात्रों की सफल कहानी को प्रकाशित करके प्रेरित किया है। देश-दुनिया में नजीर बनने वाले आइआइटी के पूर्व छात्र कोई और नहीं बल्कि निखिल कुरेले और हर्षित राठौर हैं। जी हां, जिन्होंने कोरोना संक्रमण काल में स्वदेशी तकनीक से वेंटिलेटर बनाकर भारत को सांस देने का काम किया। देश-दुनिया में वेंटिलेटर की कमी के बीच स्वदेशी वेंटिलेटर बनाकर देश में मरीजों की जिंदगी बचाने का काम किया। उनकी इस सफलता को फोर्ब्स मैगजीन ने दुनिया के पाठकों तक पहुंचाने का काम किया है। कानपुर आइआइटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर इसे रिट्वीट भी किया गया है।

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कोरोना संक्रमण के दौरान स्वदेशी तकनीक से बनाए गए किफायती वेंटिलेटर की धूम मची है। आइआइटी कानपुर के दो छात्रों निखिल कुरेले और हर्षित राठौर ने आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाते हुए वेंटिलेटर बनाए। उसका नाम देश ही नहीं विदेश में भी हो रहा है। इन वेंटिलेटर में इस्तेमाल होने वाले पुर्जे भारत में ही बने हैं। यही नहीं, इन वेंटिलेटरों को आसानी से कहीं पर भी ले जाया जा सकता है। संस्थान के विशेषज्ञों और छात्रों द्वारा बनाए गए इस वेंटिलेटर में डाक्टर और पैरा मेडिकल छात्रों की सुरक्षा का ध्यान रखा गया है।

निखिल कुरेले और हर्षित राठौर ने आइआइटी के स्टार्टअप इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर से नोका रोबोटिक्स नाम से स्टार्टअप किया और कंपनी बनाई। छात्रों ने ऐसे रोबोट्स बनाए जो कि सोलर पैनल की सफाई और उसकी मेंटेनेन्स कर सकता है। फोर्ब्स अंडर 30 एशिया 2020 की सूची में दोनों एल्युमिनाई को जगह मिली थी। पिछले साल कोरोना संक्रमण बढ़ने पर 90 दिनों में पुरातन छात्रों ने वेंटिलेटर तैयार किये।

नोका रोबोटिक्स ने अब तक दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरला और गुजरात की सरकारों के अलवा वहां के निजी अस्पतालों को यह वेंटिलेटर सप्लाई किए है। इसके अलावा इन प्रदेशों के प्राइवेट हास्पिटल में भी इन वेंटिलेटर की काफी डिमांड बढ़ती जा रही है। नोका रोबोटिक्‍स के फाउंडर निखिल कुरेले ने बताया, हम लोगों इस समय पूरी तरह भारत में ही इन वेंटिलेटर की डिमांड पूरी करने में लगे है। कोरोना की तीसरी लहर से पहले हम लोग हर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतना चाहते है। अब तक हम लोगों ने नेपाल के साथ साथ दो अन्य साउथ एशियन देशों को अपने वेंटिलेटर के आर्डर पूरे किए है। जिनकी संख्या 2000 के ऊपर थी। नेपाल को हमने अब तक 800 वेंटिलेटर दिये है।

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