प्रदेश में पहली बार कृषि का महाकुंभ
आइआइपीआर के 25वें स्थापना दिवस पर बोले कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, लखनऊ के भारतीय गन्ना अनुसंधान परिषद में 26 अक्टूबर से तीन दिवसीय आयोजन
जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रदेश में पहली बार कृषि के महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। लखनऊ में होने वाले इस महाकुंभ में प्रदेश भर से एक लाख से अधिक किसान शामिल होंगे। 26 अक्टूबर से आरंभ होकर मेला तीन दिनों तक चलेगा। इसमें नवीन प्रजातियों के साथ ही नई कृषि तकनीकों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। यह घोषणा कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने की। वह बुधवार को भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आइआइपीआर) के 25वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि किसानों और कृषि विशेषज्ञों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि कुंभ मेले के लिए भारतीय गन्ना अनुसंधान परिषद, लखनऊ की 17 हेक्टेयर भूमि ली गई है। इसमें प्रदेश भर के कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ, शोध कार्य से जुड़े और किसान विकास केंद्र के अधिकारी सम्मलित होंगे। मेले में कई विदेशी कृषि उपकरणों, जैविक खाद, उन्नत बीजों की प्रदर्शनी लगेगी। किसानों की समस्या का निपटारा किया जाएगा।
धान की नई प्रजातियों के लिए वाराणसी में साउथ एशिया कैंपस
कृषि मंत्री के मुताबिक धान की फसलों की नई प्रजातियां विकसित करने के लिए वाराणसी में साउथ एशिया कैंपस खोला जाएगा। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
नई प्रजातियों पर शोध करें वैज्ञानिक
विशिष्ट अतिथि कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान राज्यमंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्नत प्रजातियों के बीज और उत्पादन तकनीक से दलहन उत्पादन अपने आप बढ़ जाएगा। उन्होंने वैज्ञानिकों से नई प्रजातियों के शोध करने का आह्वान किया।
कार्यशाला का उद्घाटन
आइसीएआर विंटर स्कूल (कार्यशाला) का उद्घाटन किया गया। यह कार्यशाला 25 सितंबर तक चलेगी। स्थापना दिवस पर 'मसूर एक पौष्टिक एवं लाभकारी फसल' का विमोचन हुआ। इस मौके पर निदेशक डॉ. नरेंद्र प्रताप सिंह ने संस्थान की विभिन्न गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं के बारे में बताया। परियोजना समन्वयक गिरीश प्रसाद दीक्षित, डॉ.उमा शाह, डॉ. मीनल राठौर, डॉ. कौशल, डॉ. राजेश श्रीवास्तव समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
पांच किसानों का हुआ सम्मान
- किरण सिंह चौहान, करछरपुर गांव, फतेहपुर
- सत्येंद्र सिंह, करछरपुर गांव, फतेहपुर
- जगन्नाथ, करछरपुर गांव, फतेहपुर
- रज्जन पासवान, मिराई गांव, फतेहपुर
- विमला देवी, मिराई गांव, फतेहपुर
फैकल्टी और स्टाफ सम्मानित
- डॉ. पीके कटियार, डॉ. एके परिहार, कृष्ण अवतार, सतीश चंद्र, मदन।