चार वर्ष के बाद भी शिफ्ट नहीं हो पाई फूलमंडी, जिससे हर रोज लगता है भीषण जाम
तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने थोक फूल मंडी को नौबस्ता गल्ला मंडी में शिफ्ट करने के आदेश दिये थे।प्रशासन से फूल मंडी को गल्लामंडी के अंदर शिफ्ट कर दिया था। फूल खराब न हो इसके लिए सरकार की ओर से कोल्ड स्टोरेज व बेचने के चबूतरे बनाये थें
कानपुर, जेएनएन। नौबस्ता गल्ला मंडी में चार वर्ष पहले फूल मंडी लगाने के आदेश शासन से आये थे, लेकिन आज तक मंडी शिफ्ट नहीं हो पाई है। मौजूद समय में मंडी नौबस्ता सीएनजी पेट्रोल पंप के पास फुटपाथ पर लगती है। ऐसे में जाम की स्थिति रहती है। हादसा होने का खतरा रहता है। कई नगर निगम ने कार्रवाई कर मंडी को गिराया भी है। इसके बाद मंडी लग जाती है।
सपा शासन काल में चार वर्ष पहले तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने थोक फूल मंडी को नौबस्ता गल्ला मंडी में शिफ्ट करने के आदेश दिये थे। इसके बाद प्रशासन से फूल मंडी को गल्लामंडी के अंदर शिफ्ट कर दिया था। फूल खराब न हो इसके लिए सरकार की ओर से कोल्ड स्टोरेज व बेचने के चबूतरे बनाये थें। इसके बाद प्रशासन से मंडी को शिफ्ट भी कर दिया था। फूल व्यापारी सुनील सैनी ने बताया कि गल्ला मंडी के अंदर फूल लेने ग्राहकों की संख्या बहुत कम थी। इस वजह से एक-एक करके व्यापारी नौबस्ता सीएनजी पेट्रोल पंप के सामने मंडी को शिफ्ट होने लगी। फुटकर व्यापारी यहीं से ही फूल लेकर जाते है। वहीं, नगर निगम जोन पांच के जोनल अधिकारी राधेश्याम पटेल ने बताया कि फुटपाथ में लगने वाली मंडी की वजह से सुबह के समय अक्सर नौबस्ता-हमीरपुर रोड पर जाम की स्थिति रहती है। उन्होंने बताया कि तीन माह पहले मंडी में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई थी।
दूध मंडी भी नहीं हो पाई शिफ्ट
नौबस्ता-हमीरपुर रोड पर ही पुरानी मौरंग मंडी के सामने दूध मंडी लगती है। इसको भी गल्लामंडी के अंदर ही शिफ्ट किया जाना था, लेकिन अभी तक यह मंडी भी फुटपाथ पर ही लग रही है।