गंगा में उफान : कानपुर में ब्रह्मावर्त घाट पर ब्रह्मखूंटी डूबी, बैराज पर अप स्ट्रीम में 113 मीटर पर पहुंचा जलस्तर
हरिद्वार और नरौरा से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा नदी का प्रवाह उफान पर है कानपुर में बैराज पर जलस्तर चेतावनी तक पहुंच गया है। इससे गंगा किनारे आसपास तटवर्ती गांवों में कटान का खतरा हो गया है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। पहाड़ी इलाकों में मूसलाधार बारिश के चलते हरिद्वार और नरौरा से पानी छोड़ने से गंगा नदी उफान पर आ गई हैं। कानपुर में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और बिठूर में ब्रह्मावर्त घाट पर ब्रह्म खूंटी गंगा में डूब चुकी है। वहीं गंगा किनारे तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
गंगा नदी की जलधारा उफान पर चल रही है। बताया गया है कि हरिद्वार से करीब 77546 क्यूसेक और नरौरा बांध से 72172 क्यूसेक पानी छोड़ गया है। इसके बाद से गंगा नदी के जलस्तर में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। कानपुर गंगा बैराज पर शनिवार शाम तक गंगा नदी का जलस्तर अपस्ट्रीम पर 113 मीटर तथा डाउन स्ट्रीम पर 112.3 मीटर पर था। जलस्तर अब चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच चुका है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से शनिवार देर रात ब्रह्मावर्त घाट पर स्थित ब्रह्मखूटीं डूब गयी और गंगा तटीय गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। ब्रह्माखूटी मन्दिर के पुजारी पंडित राम जी उपाध्याय ने बताया कि रविवार से गंगा नदी का प्रवाह बढ़ जाने से पानी मन्दिर के अंदर आ गया है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से नून नदी का पानी भी गंगा में नहीं जा पा रहा है, इससे गंगा किनारे स्थित बाकरगंज,रमेल नगर, हिंगुपुर के अलावा ख्योरा कटरी, बनियापुरवा, दुर्गापुरवा, मक्का पुरवा, भगवानदीन का पुरवा आदि गावों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा कटरी में खेती करने वाले किसान सुरेश निषाद ने बताया गंगा कटरी की फसल डूब रही है अगर इसी तरह से जलस्तर बढ़ता रहा तो गंगा किनारे खेतो में खड़ी फसले बाढ़ की चपेट में आ जाएगी।