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कानपुर की फ्लैटेड फैक्ट्री में इन दरों पर मिल सकेंगे फ्लैट, 99 साल की लीज पर होंगे आवंटित, जानिए पूरा खाका

फ्लैटेड फैक्ट्री में छह सौ वर्ग फीट क्षेत्रफल के फ्लैट होंगे। फिलहाल तीन हजार रुपये से 3200 रुपये वर्ग फीट की दर से फ्लैट आवंटित करने पर विचार हो रहा है। ये फ्लैट 99 साल की लीज पर आवंटित होंगे साथ ही यूपीएसआइसी बैंक से ऋण दिलाने में मदद करेगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 08:17 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 08:17 AM (IST)
कानपुर की फ्लैटेड फैक्ट्री में इन दरों पर मिल सकेंगे फ्लैट, 99 साल की लीज पर होंगे आवंटित, जानिए पूरा खाका
दादानगर में बनाई जा रही फ्लैटेड फैक्ट्री। प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जागरण संवाददाता। दादानगर में बनाई जा रही फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण के लिए उप्र लघु उद्योग निगम (UPSIC) ने पर्यावरण, प्रदूषण और अग्निशमन विभाग की एनओसी लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए आवेदन किए गए हैं। साथ ही सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के फजलगंज स्थित कार्यालय में मानचित्र भी जमा कर दिया गया है। फैक्ट्री में फ्लैटों की दर जल्द ही तय हो जाएगी। फिलहाल तीन हजार रुपये से 3200 रुपये वर्ग फीट की दर से फ्लैट आवंटित करने पर विचार हो रहा है। इस फ्लैटेड फैक्ट्री में होजरी क्लस्टर का विकास होगा।

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दादानगर में 6071.18 वर्गमीटर में 61 करोड़ रुपये से भूतल समेत चार मंजिला इमारत बनाई जानी है। इसमें 56 इकाइयां स्थापित होंगी। उद्यमियों की मांग थी कि इस प्रोजेक्ट को होजरी क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाए। इसलिए निगम के एमडी रामयज्ञ मिश्रा ने इसे मंजूरी दे दी। प्रत्येक फ्लैट छह-छह सौ वर्गमीटर के होंगे। अगर किसी उद्यमी को दो फ्लैट चाहिए तो उन्हें अगल-बगल के दो फ्लैट दिए जाएंगे ताकि इकाई स्थापना में कोई समस्या न आए। वैसे तो यहां फ्लैटों की दर 35 सौ से 36 सौ रुपये प्रति वर्ग फीट आती, लेकिन केंद्र सरकार से मिले साढ़े ग्यारह करोड़ रुपये के अनुदान और होजरी क्लस्टर की स्थापना पर राज्य सरकार से मिलने वाले सवा दो करोड़ के अनुदान का लाभ आवंटियों को देने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में फ्लैट की दर कम हो जाएगी। उन्हें आसानी से फ्लैट उपलब्ध हो जाएंगे। दरों का निर्धारण कर जल्द ही बोर्ड की बैठक में मंजूरी भी दिलाई जाएगी। उद्यमियों से एकमुश्त राशि निगम प्रबंधन लेगा। इसलिए किसी बैंक से अनुबंध किया जाएगा ताकि वह आवंटन के साथ ही उन्हें ऋण दे दे। बैंक अधिकृत होगा तो आवंटियों को ऋण लेने के लिए भटकना भी नहीं पड़ेगा। यहां जिन्हें भी फ्लैट आवंटित होंगे उन्हें पर्यावरण, अग्निशमन और प्रदूषण विभाग की एनओसी नहीं लेनी पड़ेगी, क्योंकि एनओसी पहले से ही निगम प्रबंधन ले लेगा।

यह होगी खासियत:

-6071.18 वर्गमीटर में भूतल सहित चार मंजिला होगी इमारत।

-61 करोड़ रुपये से निर्माण कार्य किया जाएगा इमारत का।

-56 इकाइयों की स्थापना इस बहुमंजिला इमारत में हो सकेगी।


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