मोबाइल में जल्द ही दिखेगा 5जी नेटवर्क, सौ गुना तेजी से डाउनलोड होगा डाटा Kanpur News
दो महीने में ट्रायल लाइसेंस देना शुरू कर देगी केंद्र सरकार आइआइटी निदेशक की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट को टेलीकॉम की मान्यता।
कानपुर, जेएनएन। अब वह दिन दूर नहीं जब हम मोबाइल से सौ गुना तेजी के साथ डाटा डाउनलोड कर सकेंगे। वायरलेस इंटरनेट नेटवर्क को गति देने के लिए अगले साल तक देश में लोग 5जी का इस्तेमाल करने लगेंगे। इस नेटवर्क को आम आदमी तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार दो माह के अंदर ट्रायल लाइसेंस जारी कर सकता है। डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन ने इसका मानक तय कर दिए हैं। जिसे डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन विभाग ने मान्यता दे दी है। रिपोर्ट तैयार करने वाली कमेटी के चेयरमैन आइआइटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर हैं।
5जी के मानकों को मान्यता मिलने के बाद अब दूरसंचार विभाग इसकी कार्ययोजना तैयार कर रहा है। इस योजना में 5जी टेक्नोलॉजी टेस्टिंग व स्पेक्ट्रम आदि का प्रयोग शामिल है। प्रोफेसर अभय करंदीकर ने बताया कि दो महीने में इसके लिए ट्रायल लाइसेंस मिलने की संभावना है। अभी यह देखना है कि यह नई तकनीक किस प्रकार काम करती है। उसके बाद इसे कॉमर्शिलाइज किया जाएगा।
बदल जाएंगे हैंडसेट
प्रो. करंदीकर ने बताया कि 5जी नेटवर्किंग आने के बाद मोबाइल हैंडसेट बदल जाएंगे। यह यूं कह लें कि यह हैंडसेट पुराने की अपेक्षा और आधुनकि होंगे। लेकिन इसके साथ ही 3जी व 4जी के लिए पुराने हैंडसेट उसी तरह काम करते रहेंगे। 2020 तक आम आदमी तक यह तकनीक पहुंचने की संभावना है।
दूसरे शहरों में बैठे तीन अलग अलग कलाकारों को एक साथ सुना जा सकेगा
5जी टेक्नोलॉजी पर कई वर्षों से शोध कर रहे आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रो. एके चतुर्वेदी ने बताया कि इस तकनीक के जरिए ईमेल पर बड़ी से बड़ी फाइल कुछ ही सेकेंड में मोबाइल पर फोटो व वीडियो अपलोड की जा सकेगी। स्पीड तेज होने के कारण हम अलग अलग शहरों में बैठे तीन कलाकारों की संगत एक साथ सुन सकेंगे। यह पता भी नहीं चलेगा कि वे अलग अलग बैठकर वाद्ययंत्र बजा रहे हैं। वायरलेस कम्युनिकेशन तेज होने के कारण कंप्यूटर का इस्तेमाल कम हो जाएगा। क्योंकि इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर पर किए जाने वाले लगभग सभी कार्य मोबाइल से किए जा सकेंगे। इसके अलावा रोबोट सर्जरी व दूर बैठकर उपकरणों का रिमोट संचालन किया जा सकेगा।
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