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देश का पहला ऐसा कार्यक्रम, यूपी के 20 ITI अब आइआइटी कानपुर संग करेंगे कदम ताल

आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञ उत्तर प्रदेश के कानपुर आगरा वाराणसी और प्रयागराज आदि शहरों के बीस आइटीआइ में स्टार्टअप विकसित करेंगे। इसकी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी जाएगी। इससे उद्यमिता विकास के बाद छात्र-छात्राएं अपनी कंपनी बनाकर रोजगार सृजन कर सकेंगे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 08:38 AM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 08:38 AM (IST)
देश का पहला ऐसा कार्यक्रम, यूपी के 20 ITI अब आइआइटी कानपुर संग करेंगे कदम ताल
कौशल विकास में कानपुर के आइआइटी की सराहनीय पहल।

कानपुर, शशांक शेखर भारद्वाज। आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञ आइटीआइ की सेहत सुधारने की तैयारी कर रहे हैं। इसके तहत वे प्रदेश के कई संस्थानों का निरीक्षण करेंगे, वहां की पढ़ाई, स्टार्टअप, प्लेसमेंट आदि की व्यवस्थाओं को देखेंगे। इसकी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी जाएगी। देश में यह पहली तरह ऐसा कार्यक्रम होगा जिसमें आइआइटी प्रदेश के आटीआई में स्टार्टअप विकसित करेंगे। पहले चरण में यूपी के विभिन्न शहरों के बीस आइटीआई का शामिल किया जाएगा।

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आइआइटी के विशेषज्ञ आइटीआइ की फैकल्टी और छात्रों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी डिजाइन करेंगे। कौशल विकास से जुड़े अधिकारियों से बातचीत कर प्लानिंग को कोर्स के अनुरूप बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आइआइटी से आइटीआइ को लेकर बातचीत हो चुकी है। आइआइटी के स्टार्टअप इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर (एसआइआइसी) और डिपार्टमेंट ऑफ टेक्निकल एंड वोकेशनल एजूकेशन के बीच जून 2020 में ही करार हो गया था। अब उस पर काम जल्द ही शुरू किया जाएगा।

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान के अंतर्गत देश भर में तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत सरकारी और निजी संस्थानों में छात्र-छात्राओं से स्वदेशी तकनीक विकसित करने की अपील की जा रही है। ऐसे में प्रदेश भर के आइटीआइ को आगे लाने की कोशिश शुरू हो गई है। इसके लिए सरकार आइआइटी कानपुर से तकनीक मदद ले रही है। यहां कई साल पहले ही आइआइटी में स्टार्टअप इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित हो चुका है। एसआइआइसी के इंचार्ज प्रो. अमिताभ बंद्योपाध्याय, सीईओ डॉ. निखिल अग्रवाल और टेक्निकल एंड वोकेशनल एजूकेशन के सचिव आलोक कुमार सिंह, यूपी स्किल डेवलपमेंट मिशन के मिशन डायरेक्टर कुणाल सिलकू के बीच एमओयू साइन हो चुका है।

देशभर में अपने आप में पहला होगा कार्यक्रम

एसआइआइसी के हेड ऑफ स्ट्रेटिजी राहुल पटेल के मुताबिक यह अपने आप में पहली तरह का कार्यक्रम होगा, जिसमें आइआइटी के विशेषज्ञ आइटीआइ में स्टार्टअप विकसित करेंगे। इसके साथ ही संस्थानों में इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने में सहयोग किया जाएगा। चिकित्सा क्षेत्र में उपकरण बनाने की तकनीक, ड्रोन सिस्टम, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) के शार्ट टर्म कोर्स संचालित किए जा सकते हैं।

20 आइटीआइ को लिया जाएगा

पहले चरण में प्रदेश की 20 आइटीआइ को लिया जाएगा, जिसमें कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, मुजफ्फर नगर, गोरखपुर, कानपुर आदि को शामिल किया जा रहा है। इसके बाद अन्य आइटीआइ को लिया जाएगा।


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