कोणार्क में पहला, पाकिस्तान में दूसरा और तीसरा सूर्य मंदिर है यहां, श्रीकृष्ण के पौत्र ने की थी स्थापना
उरई के कालपी मदरा लालपुर गांव में यमुना नदी किनारे मंदिर व सूरज कुंड अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गया है।
उरई, [धनंजय त्रिवेदी]। एक सूर्य मंदिर कोणार्क ओडिशा में, दूसरा मुल्तान पाकिस्तान में और तीसरा मंदिर कालपी मदरा लालपुर गांव में है। विश्व के खगोल शास्त्री भी यहां आकर परीक्षण करते हैं। यमुना नदी के किनारे स्थित सूर्य मंदिर की हूबहू कोणार्क के सूर्य मंदिर जैसी बनावट है और सैकड़ों साल पुराने मंदिर के पास ही सूरज कुंड भी है। कहा जाता है, श्रीकृष्ण के पौत्र साम्ब ने इसकी स्थापना की थी।
सूर्य कुंड में स्नान कर शाप से मुक्त हुए साम्ब
भविष्य पुराण के अनुसार श्री कृष्ण के पौत्र साम्ब ने यहां सूर्य उपासना की थी तो ज्योतिषाचार्य वाराहमिहिर ने यहीं पर विश्व प्रसिद्ध सूर्य सिद्धांत का प्रतिपादन किया था। कन्नौज के इतिहास पर आधारित पुस्तक कान्यकुब्ज महात्म्य में वर्णित है कि दुर्वासा ऋषि के शापवश साम्ब कुष्ठ रोगी हो गए थे और कन्नौज के मकरंज नगर में स्थित सूर्य कुंड में स्नान कर शाप से मुक्त हुए थे। इसके बाद उन्होंने यमुना नदी के तट पर कालप्रिय नाथ सूर्यदेव का मंदिर बनवाया था। बाद में इस स्थान का नाम कालप्रिय से कालपी हो गया। उस समय कन्नौज की दक्षिणी सीमा कालपी तक थी।
यह भी है एक किवदंती
दूसरी ओर, किवदंतियों के मुताबिक चौथी शताब्दी में वासुदेव ने कालपी नगर बसाया था। महर्षि वेदव्यास का जन्म भी यमुना किनारे किसी द्वीप पर होना बताते हैं। मान्यता है कि कालपी उनकी तपोस्थली भी रही है। भले ही यह मंदिर खुद में प्राचीनता को समेटे हुए है, बावजूद इसके संरक्षण के सार्थक प्रयास नहीं हुए। अब यह जीर्ण-शीर्ण हालत में है।
नागर शैली में बना है मंदिर
चूने और लाल पत्थर से नागर शैली में मंदिर का निर्माण कराया गया था। बुंदेलखंड संग्रहालय के संस्थापक हरिमोहन पुरवार के मुताबिक सूर्य मंदिर नागर शैली में बना है। मंदिर में सात सूर्य मठिया भी हैं। पहले यहां भगवान सूर्य की प्रतिमा थी। कालांतर में यमुना नदी में आई बाढ़ के चलते प्रतिमा बह गई। अब मंदिर के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है।
कुछ समय पूर्व आगरा के पुरातत्व सर्किल कार्यालय व पर्यटन विभाग की टीम ने दौरा किया था, मगर मंदिर के संरक्षण को लेकर कोई प्रयास नहीं किए गए। सांसद भानुप्रताप वर्मा ने कहा कि केंद्रीय पर्यटन के मानचित्र पर जिले को लाने की मांग सदन में कर चुके हैं। पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री को ऐतिहासिक धरोहरों के वीडियो दिखाकर जिले को पर्यटन के मानचित्र पर लाने की मांग की थी।