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Auraiya Embezzlement Case : CMS के खिलाफ होगी FIR, कोरोना काल के समय हुआ था दो करोड़ का गबन

तीनों फर्म आदेश कुमार के परिवार की है। इसके अलावा जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत भी 98 हजार आठ सौ रुपये का भुगतान दर्शाया गया है। इन सब की पत्रावलियों को गायब भी कर दिया गया है। आदेश कुमार की तैनाती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एरवाटकरा में थी।

By Akash DwivediEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 06:08 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 06:08 PM (IST)
Auraiya Embezzlement Case : CMS के खिलाफ होगी FIR, कोरोना काल के समय हुआ था दो करोड़ का गबन
भुगतान के मामले में उपायुक्त वाणिज्य कर को भी अवगत कराया गया

औरैया, जेएनएन। कोरोना काल में करीब दो करोड़ रुपये के गबन के आरोपों में फंसे जिला अस्पताल के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) पर मुकदमे की तैयारी है। डीएम ने शासन से इसके लिए अनुमति मांगी है। दोनों के कार्यकाल से जुड़ी फाइलों के पन्ने पलटे जा रहे हैं। डीएम सुनील कुमार वर्मा ने अनियमितता को लेकर अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और फर्जी बिल लगाकर भुगतान के मामले में जीएसटी की हेराफेरी पर उपायुक्त वाणिज्य कर को भी पत्र लिखा है। उधर, जिला लेखा प्रबंधक नितिन सरोज पांडेय की सेवाएं समाप्त करने की भी संस्तुति की गई है।

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मार्च 2021 में चिचौली स्थित सौ शैया संयुक्त जिला चिकित्सालय के निरीक्षण में डीएम सुनील कुमार वर्मा को वित्तीय अनियमितता मिली थी। इसे कोविड लेवल-2 का अस्पताल बनाया गया था। यहां बेड के चादरों की धुलाई के मद में नौ लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया था, जबकि दो वाङ्क्षशग मशीनें यहां पर लगी थीं। डीएम ने स्पष्टीकरण मांगा तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इस पर उन्होंने तत्कालीन सीएमएस डा. राजीव रस्तोगी को कोविड-19 नोडल अधिकारी के पद से हटाकर चार्ज डा. प्रमोद कटियार को दिया था। हालांकि, डा. रस्तोगी ने चार्ज पूरी तरह से उन्हें नहीं दिया। इसकी जांच चल रही थी। बुधवार को ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर पर आदेश कुमार के खिलाफ सदर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक, तत्कालीन सीएमएस डा. रस्तोगी ने ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर के साथ मिलकर वित्तीय वर्ष 2020-21 में मिले करीब एक करोड़ 68 लाख रुपये का भुगतान फर्जी बिल के माध्यम से उन्नाव की तीन फर्मों मैसर्स नमन इंटरप्राइजेज, मैसर्स शिवांगी इंटरप्राइजेज और काली इंटरप्राइजेज को कर दिया। इसमें बेड की चादरों की धुलाई से लेकर मास्क, सैनिटाइजर समेत अन्य सामान के लिए भुगतान दिखाया गया है। करीब 60 बिलों के यह भुगतान किया गया। तीनों फर्में ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर के परिवार की हैं। इसी तरह जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत भी 98, 800 रुपये का भुगतान किया गया। इन सब की पत्रावलियां भी गायब कर दी गईं। आदेश की तैनाती उस समय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एरवा टकरा में थी। पूरे प्रकरण में जीएसटी की चोरी भी की गई। वहीं, डा. रस्तोगी को फोन मिलाया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

गैरहाजिरी और लापरवाही में फंसे लेखा प्रबंधक : डीएम सुनील कुमार वर्मा ने बिना किसी सूचना अनुपस्थित जिला लेखा प्रबंधक नितिन फिरोज पांडेय की सेवा समाप्त करने की संस्तुति निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को पत्र लिखकर की है। पदीय दायित्वों में रुचि नहीं लेने, समय से जिला आडिट कमेटी की बैठक न करने, कार्य में शिथिलता बरतने का भी आरोप है। कहा है कि 11 जून 2021 को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में पता चला कि जिला स्वास्थ्य मिशन योजनांतर्गत वर्ष 2020-21 में जिला अस्पताल चिचौली में कराये गए कार्यों व संबंधित भुगतान में गड़बडिय़ां की गईं। साथ ही जिला अस्पताल में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन इत्यादि मद में मिले बजट के व्यय में गबन के आरोपित तत्कालीन सीएमएस व ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर के खिलाफ अलग-अलग कार्रवाई का भी जिक्र किया है।

कानपुर की चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म भी घेरे में, होगी कार्रवाई : डीएम ने पत्र में लिखा है कि आडिट के लिए नामित फर्म टंडन एंड राठौर चार्टर्ड अकाउंटेंट कानपुर ने भी घोर उदासीनता की है। इससे गंभीर स्थिति बनी। संबंधित फर्म के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।


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