इंडसइंड बैंक में 4.11 करोड़ का गबन, शाखा प्रबंधक और कैशियर के खिलाफ मुकदमा
26 अक्टूबर को रीजनल हेड के निरीक्षण में खुला मामला, बिना लिखापढ़ी के खजाने में जमा नकदी चहेते को सौंपी।
By Edited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 02:27 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 02:13 PM (IST)
कानपुर (जागरण संवाददाता)। इंडसइंड बैंक की सिविल लाइन्स शाखा में 4.11 करोड़ रुपये का गबन हो गया। बैंक के उच्च प्रबंधन ने शाखा प्रबंधक और कैशियर के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज कराया है। बैंक की ओर से तहरीर मिलने के बाद एसएसपी के निर्देश पर थाना ग्वालटोली में मंगलवार देर रात मुकदमा दर्ज हुआ।
थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक सिविल लाइंस स्थित बैंक शाखा में प्रबंधक अमित शुक्ला व कैशियर राहुल तिवारी के पास नकदी के लेनदेन का अधिकार था। बीती 26 अक्टूबर को बैंक के रीजनल हेड देबांजन गुहा ने बैंक शाखा के खजाने का निरीक्षण किया। उस समय खजाने में मात्र 29,93,237 रुपये मिले, जबकि लेखा बहियों के मुताबिक 4,41,33,657 रुपये होने चाहिए थे। इस हिसाब से 4,11,40,420 रुपये कम निकले। रिपोर्ट के मुताबिक मौके पर मौजूद कैशियर ने अधिकारियों को बताया कि यह धनराशि बिना किसी लिखापढ़ी के 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच हिनिश रामचंदानी नाम के शख्स को सौंपी गई है। जो उसने वापस नहीं किया।
खजाने में तीन चेक भी रखे मिले हैं। शाखा प्रबंधक ने भी बैंक अधिकारियों के सामने यही बात स्वीकार की। इसके बाद 26 अक्टूबर को ही शाखा प्रबंधक ने बैंक में 10 लाख रुपये और दो नवंबर को 65 हजार रुपये जमा कराए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव तिवारी के मुताबिक बैंक की ओर से मिली तहरीर के आधार पर शाखा प्रबंधक और कैशियर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। गबन की बात पहले भी सामने आयी लेकिन उस समय किसी ने गौर नहीं किया था।
थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक सिविल लाइंस स्थित बैंक शाखा में प्रबंधक अमित शुक्ला व कैशियर राहुल तिवारी के पास नकदी के लेनदेन का अधिकार था। बीती 26 अक्टूबर को बैंक के रीजनल हेड देबांजन गुहा ने बैंक शाखा के खजाने का निरीक्षण किया। उस समय खजाने में मात्र 29,93,237 रुपये मिले, जबकि लेखा बहियों के मुताबिक 4,41,33,657 रुपये होने चाहिए थे। इस हिसाब से 4,11,40,420 रुपये कम निकले। रिपोर्ट के मुताबिक मौके पर मौजूद कैशियर ने अधिकारियों को बताया कि यह धनराशि बिना किसी लिखापढ़ी के 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच हिनिश रामचंदानी नाम के शख्स को सौंपी गई है। जो उसने वापस नहीं किया।
खजाने में तीन चेक भी रखे मिले हैं। शाखा प्रबंधक ने भी बैंक अधिकारियों के सामने यही बात स्वीकार की। इसके बाद 26 अक्टूबर को ही शाखा प्रबंधक ने बैंक में 10 लाख रुपये और दो नवंबर को 65 हजार रुपये जमा कराए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव तिवारी के मुताबिक बैंक की ओर से मिली तहरीर के आधार पर शाखा प्रबंधक और कैशियर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। गबन की बात पहले भी सामने आयी लेकिन उस समय किसी ने गौर नहीं किया था।
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